भोपाल | मध्य प्रदेश कांग्रेस ने आज राजधानी भोपाल के इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में जोरदार प्रेस वार्ता कर भाजपा सरकार और डीजीपी के हालिया बयान पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. मुकेश नायक और पार्टी प्रवक्ता मिथुन अहिरवार ने मिलकर सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी।
मिथुन अहिरवार ने कहा, “मध्य प्रदेश के डीजीपी का बयान कि ‘पुलिस अकेले बलात्कार नहीं रोक सकती’ सीधा-सीधा अपराधियों के हौसले बढ़ाने वाला है। अगर पुलिस ऐसा कहेगी तो फिर जनता किस पर भरोसा करे? क्या अब अपराध रोकने की जिम्मेदारी जनता पर है? और भाजपा का नया अध्यक्ष इस मुद्दे पर चुप क्यों है? क्या वह ‘बंधे हाथ का अध्यक्ष’ साबित होंगे?”
डिजिटल इंडिया नहीं, डिजिटल जुआ का अड्डा
अहिरवार ने कहा कि प्रदेश में ऑनलाइन जुआ, सट्टा, फर्जी लोन ऐप, डिजिटल ब्लैकमेलिंग, अश्लील वीडियो कॉल जैसे डिजिटल अपराध चरम पर हैं और सरकार आंख मूंदे बैठी है। “यह डिजिटल इंडिया नहीं बल्कि डिजिटल ट्रैप है, जहां जनता को ठगा जा रहा है और भाजपा की सरकार केवल अपनी सत्ता की कुर्सी बचाने में लगी है।”
इंदौर और रायसेन के मामलों से उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि इंदौर में एक पति ने ऑनलाइन जुए में हारने के बाद अपनी पत्नी को दोस्तों के साथ संबंध बनाने को मजबूर किया। रायसेन में बैंककर्मी ने ऑनलाइन गेमिंग के जाल में फंसकर जान दे दी। “हर दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं और सरकार बस तमाशा देख रही है।”
28% जीएसटी लगाकर भी नियंत्रण नहीं
कांग्रेस प्रवक्ता ने याद दिलाया कि ऑनलाइन सट्टा-गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाने के बावजूद यह कारोबार फल-फूल रहा है। “GST तो वसूला जा रहा है लेकिन लोगों की जिंदगी तबाह हो रही है। क्या भाजपा को केवल टैक्स से मतलब है, जनता की सुरक्षा से नहीं?”
भाजपा नेताओं की चुप्पी पर उठाए सवाल
अहिरवार ने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष से कई बार सवाल पूछते हुए कहा, “हर गंभीर मुद्दे पर आप चुप क्यों हैं? क्या आप वाकई अध्यक्ष हैं या फिर ‘बंधे हाथ’ वाले प्रतीकात्मक नेता?” मीडिया वार्ता में यह भी आरोप लगाया गया कि भाजपा सरकार के संरक्षण में सट्टे के रैकेट चल रहे हैं। “हर जिले और ब्लॉक में सट्टा बुकिंग हो रही है। यह सब बिना ‘ऊपर’ की मिलीभगत के नहीं हो सकता।”
फर्जी लोन ऐप और डिजिटल ब्लैकमेल
अहिरवार ने बताया कि कैसे बिना आरबीआई अनुमति के फर्जी लोन ऐप लोगों को फंसा रहे हैं और फोटो मॉर्फिंग से ब्लैकमेल किया जा रहा है। “सरकार सब जानती है, लेकिन कार्रवाई नहीं कर रही है।”
