भोपाल | मानसून के मौसम में आकाशीय बिजली (वज्रपात) से बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आमजन के लिए एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने कहा है कि यदि सावधानी बरती जाए, तो वज्रपात से होने वाली दुर्घटनाओं से प्रभावी रूप से बचा जा सकता है। एडवाइजरी में खासतौर पर ग्रामीण व बाहरी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है।
विभाग ने बताया कि खेतों, निर्माण स्थलों, औद्योगिक क्षेत्रों और खुले स्थानों पर कार्यरत लोग वज्रपात के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं। मानसून की शुरुआत यानी जून-जुलाई में दोपहर से सायंकाल के बीच आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं अधिक होती हैं। ऐसे में लोगों को ऊंची व नुकीली संरचनाओं, पेड़ों, बिजली व टेलीफोन के खंभों, धातु के मचानों और मशीनों जैसे ट्रैक्टर, क्रेन, बुलडोजर आदि से दूर रहने की सलाह दी गई है।
दी गई ये चेतावनी
निर्देशों में यह भी कहा गया है कि धातु से बनी वस्तुएं जैसे पाइप, सीढ़ी या विद्युत संचरण वाली सतहों से संपर्क नहीं करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति सड़क पर हो, तो उसे तुरंत किसी भवन या सुरक्षित स्थान पर शरण लेनी चाहिए और गर्जन सुनाई देने के बाद कम से कम 30 मिनट तक वहीं रुके रहना चाहिए। साथ ही, वज्रपात की संभावना वाले समय में विस्फोट संभावित क्षेत्रों और खुले मैदानों से भी दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
घर और कार्यालयों में भी बरतें सतर्कता
स्वास्थ्य विभाग ने घरों और कार्यस्थलों के लिए भी सावधानियां अपनाने की सलाह दी है। बिजली व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को unplug करने, अर्थिंग सिस्टम की जांच कराने और खिड़की-दरवाजों से दूर रहने को कहा गया है। खास तौर पर कहा गया है कि जल पाइपलाइन के जरिए भी बिजली प्रवाहित हो सकती है, इसलिए पानी के धातु पाइपों से दूर रहना जरूरी है।
आपात तैयारी के निर्देश
प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। सभी शासकीय अस्पतालों को पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाएं, जरूरी सामग्री और प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। आशा कार्यकर्ता, एएनएम, सीएचओ और बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को आपात स्थिति के लिए तैयार रखने के निर्देश जारी हुए हैं।
इसके अलावा, स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों और उपलब्ध संसाधनों को भी आपात सेवाओं में जोड़ने की योजना तैयार की जा रही है, ताकि वज्रपात जैसी आपदाओं के समय त्वरित राहत व स्वास्थ्य सहायता प्रदान की जा सके।
