भोपाल | स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध प्राइवेट स्कूलों में नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के क्रियान्वयन की प्रभावी मॉनिटरिंग जरूरी है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन विश्वसनीय तरीके से हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप प्रदेश के स्कूलों में छात्रों को आधुनिक कृषि की ओर प्रेरित करने के लिए कृषि संकाय को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ऐसे सरकारी स्कूल, जिनके पास दो एकड़ या उससे अधिक भूमि है, वहां प्राथमिकता से कृषि संकाय शुरू किए जा सकते हैं।
एनईपी टास्क फोर्स की बैठक
मंत्री सिंह मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित एनईपी टास्क फोर्स की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में परिजन को रोजगार देने की नीति में सुधार के लिए सुझाव लिए जाएं। साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें बच्चों को स्कूल शिक्षा के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी दी जाए। यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अलीराजपुर, बालाघाट, नरसिंहपुर और उज्जैन जिलों में शुरू किया जाएगा।
PM मोदी ने की थी घोषणा
उन्होंने राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) को मजबूत बनाने के लिए संचालक की अध्यक्षता में एक कमेटी के गठन के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी बताया कि 29 जुलाई को शिक्षाविदों के साथ बैठक कर एनईपी के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाएगी। इसी दिन वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री द्वारा नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई थी।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने की NEP टास्कफोर्स समिति बैठक की अध्यक्षता
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मध्यप्रदेश में प्रभावी क्रियान्वयन हेतु गठित टास्कफोर्स समिति की बैठक आज मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में आयोजित हुई। pic.twitter.com/Ce5r6EEeIv
— School Education Department, MP (@schooledump) July 8, 2025
मंत्री ने विद्यालयों में त्रिभाषा फॉर्मूले को सख्ती से लागू करने के निर्देश देते हुए कहा कि मातृभाषा के महत्व को समझाने के लिए अभिभावकों और स्कूलों के बीच संवाद जरूरी है। बैठक में डिजिटल प्लेटफॉर्म “हमारे शिक्षक”, ई-अटेंडेंस और रेमेडियल मॉड्यूल की स्थिति की भी समीक्षा की गई।
ये लोग रहे मौजूद
लोक शिक्षण आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने बताया कि इस शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों में लगभग 100 प्रतिशत पाठ्यपुस्तकों का वितरण हो चुका है और छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए रेमेडियल मॉड्यूल भेजे गए हैं। टास्क फोर्स के सदस्यों ने नियमित अभिभावक बैठकें आयोजित करने, मातृभाषा को प्राथमिकता देने और नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कई सुझाव दिए। बैठक में अशोक कंडेल, डॉ. राम भावसार सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
