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रायसेन बना जल संरक्षण का मॉडल, खेत तालाबों और कूप रिचार्ज से 5 हजार एकड़ भूमि होगी सिंचित

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Published On: 9 July 2025

भोपाल | जल संरक्षण को लेकर रायसेन जिले में चलाया गया जल गंगा संवर्धन अभियान अब प्रदेश भर में मिसाल बनता जा रहा है। अभियान के अंतर्गत जिले में 2500 से अधिक खेत तालाब, 23 अमृत सरोवर और 1600 से अधिक कूप रिचार्ज पिट का निर्माण किया गया है, जिससे 5 हजार एकड़ से अधिक भूमि सिंचित हो सकेगी। इस उत्कृष्ट कार्य के लिए रायसेन जिले को पूरे प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।

अभियान के तहत, जिले की सातों जनपद पंचायतों में बड़े पैमाने पर जल संरक्षण संरचनाएं विकसित की गई हैं। बेगमगंज में 509, सिलवानी में 490, सांची में 366, गैरतगंज में 354, बाड़ी में 329, उदयपुरा में 302 और औबेदुल्लागंज में 213 खेत तालाबों का निर्माण किया गया। वहीं कूप रिचार्ज के लिए बेगमगंज में 340, गैरतगंज में 207, उदयपुरा में 194, बाड़ी में 183, सांची में 161, औबेदुल्लागंज में 158 और सिलवानी में 144 कूप रिचार्ज पिट तैयार किए गए हैं।

नवाचार और तकनीक का समावेश

इन कार्यों को चिन्हित करने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए ‘सीपरी ऐप’ का उपयोग किया गया। इस ऐप के माध्यम से कार्यों की मॉनिटरिंग और मूल्यांकन को आसान और पारदर्शी बनाया गया। इसी तरह, माय भारत ऐप के माध्यम से 15 हजार से अधिक जलदूतों का पंजीयन कर उन्हें जल संरक्षण संबंधी प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। ये जलदूत ग्रामीण स्तर पर जल संरक्षण के लिए जनजागरण अभियान में जुटे हैं।

प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण

अभियान के दौरान रायसेन जिले के झिरी ग्राम स्थित बेतवा नदी के उद्गम स्थल को पुनर्जीवित कर उसमें निरंतर जल प्रवाह सुनिश्चित किया गया, जो अभियान की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इसके अलावा, जिले की अन्य नदियों के उद्गम स्थलों को भी संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।

सामुदायिक सहभागिता और जनजागरण

जिला प्रशासन ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और नागरिकों को अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। पंचायत स्तर पर ‘पानी चौपाल’ जैसी गतिविधियों के जरिए ग्रामीणों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया। ग्रामीणों ने श्रमदान के साथ साथ निगरानी और रखरखाव में भी योगदान दिया।

मनरेगा से हुए जल संरक्षण कार्य

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन, अंजू पवन भदौरिया ने बताया कि जल संरक्षण के अधिकांश कार्य मनरेगा योजना के तहत कराए गए हैं। योजना के तहत एक हजार से अधिक जल संग्रहण कार्य भी पूरे किए गए हैं। रायसेन जिले को जल गंगा संवर्धन अभियान में 100 में से 92.35 अंक मिले हैं। यह न केवल जिले की प्रशासनिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि सामूहिक प्रयासों की सफलता का प्रमाण भी है। यह मॉडल अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है, जिससे प्रदेश में जल संरक्षण को नई दिशा मिल सकेगी।

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