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इंदौर में 11 जुलाई को होगा “मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव”, CM यादव निवेशकों से करेंगे संवाद

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Published On: 9 July 2025

इंदौर | मध्यप्रदेश का इंदौर शहर एक बार फिर विकास और निवेश के राष्ट्रीय मंच पर केंद्र में रहने जा रहा है। 11 जुलाई को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में ‘मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया जाएगा। इस उच्चस्तरीय आयोजन में रियल एस्टेट, होटल इंडस्ट्री, पर्यटन और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े देशभर के 1500 से अधिक निवेशक, उद्योगपति और कॉर्पोरेट प्रतिनिधि शामिल होंगे। मुख्यमंत्री शहरी विकास की दिशा में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और योजनाओं को शेयर करते हुए निवेशकों से सीधा संवाद करेंगे।

शहरी विकास के ब्लू प्रिंट पर होगा मंथन

कॉन्क्लेव के दौरान एक भव्य प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें क्रेडाई, नगर निगम, स्मार्ट सिटी, आईडीए, मेट्रो, एलआईसी, हाउसिंग बोर्ड, हुडको जैसी एजेंसियों की भागीदारी रहेगी। इनकी योजनाओं और प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि निवेशकों को प्रदेश की विकास क्षमता का अनुभव हो सके।

सरकार का फोकस शहरी परिवहन, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, जलापूर्ति, अपशिष्ट प्रबंधन, झील संरक्षण, ई-गवर्नेंस, हरित ऊर्जा और स्लम पुनर्विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने पर है। यह आयोजन न केवल इंदौर, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के शहरी विकास को नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।

हाउसिंग सेक्टर में निवेश संभावित

प्रदेश में हाउसिंग सेक्टर में निवेश की बड़ी संभावनाएं उभर रही हैं। अब तक 8.32 लाख से अधिक किफायती आवास तैयार किए जा चुके हैं और 10 लाख नए घरों के निर्माण की योजना है, जिसमें करीब 50,000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं के लिए प्रदेश में योग्य मानव संसाधन और ठोस बुनियादी ढांचा पहले से मौजूद है। शहरी इलाकों में 6,000 किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क, 80% क्षेत्रों में पाइपलाइन से जलापूर्ति और 100% सीवरेज कवरेज जैसी सुविधाएं निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। साथ ही, भवन अनुमोदन से लेकर नागरिक सेवाओं तक 23 डिजिटल सेवाएं ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुलभ कराई गई हैं।

इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी पर जोर

शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण और सतत विकास की दिशा में भी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2025 लागू की गई है और बड़े शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा, 2,800 करोड़ स्वच्छ पर्यावरण और 2,000 करोड़ वाटर फ्रंट डेवलेपमेंट पर खर्च किए जा रहे हैं। शहरी परिवहन को और बेहतर बनाने के लिए 21,000 करोड़ की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं।

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