भोपाल | MP सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बड़ी पहल करते हुए 20 लाख नए पात्र हितग्राहियों को जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शुक्रवार को बताया कि प्रदेश में अब तक एक करोड़ से ज्यादा पात्र हितग्राहियों की ई-केवायसी पूरी हो चुकी है और अब नई पात्रता पर्चियां जारी करने के लिए विंडो खोल दी गई है। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी वास्तविक हितग्राही लाभ से वंचित न रहे और अपात्र लोगों को योजना से हटाकर पात्र लोगों को जोड़ा जाए।
हितग्राहियों की e-KYC
मंत्री राजपूत ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप प्रदेश में सभी लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए ई-केवायसी अनिवार्य की गई है। बीते 5 महीनों से चल रहे विशेष अभियान में प्रदेश की 27 हजार से अधिक उचित मूल्य दुकानों पर पीओएस मशीनों की मदद से यह प्रक्रिया की जा रही है। अब तक 90 प्रतिशत से अधिक हितग्राहियों की ई-केवायसी हो चुकी है। कुल 5 करोड़ 32 लाख लाभार्थियों में से जिनके आधार और अन्य विवरण अद्यतन हैं, वे अब स्मार्ट पीडीएस प्रणाली के अंतर्गत आने वाले लाभों के लिए पात्र माने जाएंगे।
विज्ञापन प्रकाशित
आयुक्त खाद्य कर्मवीर शर्मा ने बताया कि ई-केवायसी की प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाने के लिए ‘मेरा ई-केवायसी एप’ के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा भी शुरू की गई है। इसके माध्यम से वृद्ध, दिव्यांग या ऐसे हितग्राही जो दुकान तक नहीं पहुंच सकते, वे घर बैठे ई-केवायसी कर सकते हैं। हितग्राहियों को एसएमएस के जरिए ई-केवायसी के लिए नियमित रूप से सूचित किया गया। इसके अलावा, दुकानों पर सूचना चस्पा की गई और समाचार पत्रों में भी जागरूकता के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए गए।
बायोमेट्रिक सत्यापन
राज्य सरकार ने ई-केवायसी को लेकर विशेष अभियान भी चलाया। इसके तहत, शेष हितग्राहियों की सूची स्थानीय निकायों, खाद्य विभाग और जिला प्रशासन को भेजी गई। गांवों और मोहल्लों में कैंप लगाए गए, जिनमें वृद्ध और दिव्यांग हितग्राहियों के घर-घर जाकर ई-केवायसी की गई। इन कैंपों में उचित मूल्य दुकान संचालकों के साथ पंचायत, ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय निकायों का अमला भी लगाया गया। कैंप के दौरान ही पीओएस मशीनों से बायोमेट्रिक सत्यापन कर ई-केवायसी पूर्ण की गई।
भेजा गया कैंप
अभियान के तहत मृत, अस्तित्वहीन, दोहरे और अपात्र पाए गए हितग्राहियों की पहचान कर उन्हें हटाया गया। जिनके आधार डाटा अधूरे थे, उन्हें सुधार के लिए कैंप भेजा गया। इस पूरी प्रक्रिया की लगातार मॉनिटरिंग की गई ताकि कोई पात्र हितग्राही छूट न जाए। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक के प्रयासों से 29 श्रेणियों के लगभग 20 लाख नए पात्र हितग्राहियों को लाभ देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
तकनीक आधारित वितरण प्रणाली
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि सरकार पारदर्शी और तकनीक आधारित वितरण प्रणाली को मजबूत कर रही है, जिससे राशन वितरण की प्रक्रिया न सिर्फ सहज होगी, बल्कि अपात्रों को हटाकर वंचित पात्रों को जोड़ना भी संभव हो सकेगा।
