भोपाल | MP के उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा ने नई दिल्ली में आयोजित आईसीएआर की 96वीं आमसभा में हिस्सा लिया। बैठक में अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। मंत्री कुशवाहा ने बैठक में कहा कि मध्यप्रदेश को “उद्यानिकी राज्य” के रूप में विकसित करने के लिए सरकार संकल्पित है। उन्होंने मसाला अनुसंधान केंद्र की मांग करते हुए कहा कि इससे किसानों को बड़ी राहत मिल सकती है।
कुशवाहा ने कहा कि मसालों के उत्पादन में मप्र देश में पहले नंबर पर है। ऐसे में आईसीएआर को चाहिए कि प्रदेश में मसालों का विशेष अनुसंधान केंद्र खोला जाए।
प्रतिस्पर्धा की भी तैयारी
उन्होंने कहा कि इससे मसाला उत्पादक किसानों को उन्नत किस्म के बीज उचित दामों पर मिल सकेंगे। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा की भी तैयारी होगी। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, साथ ही प्र-संस्करण उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा। यह निर्यात की संभावनाएं बढ़ाने में भी सहायक होगा।
महंगे बीजों का मुद्दा
मंत्री ने बैठक में सब्जियों की संकर किस्मों के महंगे बीजों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को चाहिए कि वह संकर बीजों का उत्पादन राज्य के विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर करे। उन्होंने प्रस्ताव रखा कि संकर बीज उत्पादन अभियान के तौर पर चलाया जाए, जिससे किसानों को कम लागत में अधिक उपज मिल सके। इससे आम किसान को बड़ी राहत मिलेगी।
भविष्य की योजनाओं पर चर्चा
उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे बीजों की भारी मांग है, लेकिन बाजार में ये काफी महंगे मिलते हैं। सरकार चाहती है कि किसान आधुनिक तकनीक और गुणवत्ता से जुड़ें। बैठक में अनुसंधान परिषद के बीते कार्यों की समीक्षा के साथ भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा हुई। कुशवाहा ने कहा कि आईसीएआर और राज्य मिलकर काम करें तो नतीजे और बेहतर होंगे।
