भोपाल | हनी ट्रेप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर जनहित याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया। यह याचिका 2023 में एडवोकेट भूपेंद्र सिंह ने दायर की थी। इसमें नाथ पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने हनी ट्रेप वीडियो देखने और भाजपा नेताओं की पेन ड्राइव होने का दावा किया था।
हालांकि, कोर्ट में ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया गया। याचिका में यह भी कहा गया कि नाथ ने वीडियो या पेन ड्राइव जांच एजेंसी को नहीं सौंपी।
नहीं लगाए जा सकते सीधे आरोप
डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट के आधार पर सीधे आरोप नहीं लगाए जा सकते। कोर्ट ने यह भी पूछा कि बयान की सीडी कोर्ट में क्यों नहीं पेश की गई। न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास आरोपों के समर्थन में कोई प्रमाण नहीं है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। याचिका में कमल नाथ के साथ पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, पुलिस और एसआईटी को भी पक्षकार बनाया गया था।
6 महिलाएं सहित 8 आरोपी
17 सितंबर 2019 को इंदौर में यह मामला सामने आया था। नगर निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता हरभजन सिंह से 3 करोड़ रुपये की ब्लैकमेलिंग हुई थी। पुलिस ने आरती, मोनिका, श्वेता (दो अलग-अलग), बरखा और एक अन्य महिला को आरोपी बनाया था। इनके साथ गाड़ी चालक ओमप्रकाश कोरी को भी गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपी बाद में जमानत पर रिहा हुए। जांच में यह सामने आया कि आरती ने भोपाल की एक छात्रा मोनिका से दोस्ती कर उसे इंदौर बुलाया था।
इंदौर के एक होटल में उनका वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग शुरू हुई, जो आठ महीने तक चली। हरभजन सिंह तीन बार पैसे दे चुके थे।चौथी बार 50 लाख लेने आईं आरती और मोनिका को पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
