भोपाल | लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा है कि भारत और नेपाल के बीच का रिश्ता सिर्फ व्यापारिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आत्मीयता से जुड़ा हुआ है। वे भोपाल में आयोजित भारत-नेपाल आर्थिक सहयोग सम्मेलन 2025 को संबोधित कर रहे थे। पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार इस साझेदारी को और मजबूत करने के लिए पूरी तरह संकल्पित है और भारत-नेपाल के बीच आर्थिक रिश्तों को और गहरा करने के लिए मध्यप्रदेश एक मजबूत कड़ी का काम करेगा।
सम्मेलन का आयोजन
भारत-नेपाल आर्थिक सहयोग सम्मेलन का आयोजन नेपाल दूतावास, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के इंडिया-नेपाल सेंटर और पीएचडीसीसीआई मध्यप्रदेश चैप्टर के संयुक्त प्रयास से किया गया। सम्मेलन में दोनों देशों के बीच निवेश, व्यापार, पर्यटन, शिक्षा, संस्कृति और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में संभावनाओं पर विचार किया गया और सहयोग को लेकर कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई।
रिश्तों का प्रतीक
नेपाल दूतावास की ओर से सम्मेलन में मंत्री-परामर्शदाता अंबिका जोशी और आर्थिक परामर्शदाता रविंद्र जंग थापा ने प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। नेपाल अपने कुल निर्यात का करीब 68 प्रतिशत भारत को करता है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से नेपाल को 7.041 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जबकि नेपाल से भारत को 829.71 मिलियन डॉलर का आयात हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की करीब 150 कंपनियां वर्तमान में नेपाल में अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही हैं। नेपाल के जनकपुर स्थित जानकी मंदिर का निर्माण मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ की रानी द्वारा करवाया गया था, जिसे भारत-नेपाल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों का प्रतीक माना जाता है।
नेपाल दूतावास, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के इंडिया-नेपाल सेंटर और पीएचडीसीसीआई मध्यप्रदेश चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में “भारत-नेपाल आर्थिक सहयोग सम्मेलन 2025” का सफल आयोजन भोपाल में हुआ।@nsp2106 #MadhyaPradesh pic.twitter.com/cg72JCRz1Z
— Public Health & Medical Education Department, MP (@healthminmp) July 13, 2025
ये लोग रहे मौजूद
सम्मेलन में मध्यप्रदेश और नेपाल के बीच पर्यटन, शिक्षा और हेल्थ सेक्टर में संभावित साझेदारी पर भी चर्चा हुई। पीएचडीसीसीआई के मध्यप्रदेश चैप्टर के सह-अध्यक्ष अनुपम चौकसे और मनोज मोदी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक अमिताभ पांडे, एमएसएमई विभाग के उप सचिव पंकज शर्मा, एम्स भोपाल के निदेशक अजय सिंह, यूनिसेफ से अनिल गुलाटी, पर्यटन विभाग से निवेश निदेशक राजेश गुप्ता, पतंजलि फूड्स के वैज्ञानिक सलाहकार राजेश सक्सेना, इंडिया-नेपाल सेंटर के सचिव अतुल ठाकुर, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान के सलाहकार मनोज जैन और पीएचडीसीसीआई के रेजिडेंट मैनेजर अनिरुद्ध दुबे सहित कई प्रतिनिधि मौजूद रहे।
आर्थिक रिश्तों को सशक्त
सभी वक्ताओं ने भारत-नेपाल के संबंधों को भविष्य की संभावनाओं से जोड़ते हुए कहा कि अब जरूरत है कि इन संबंधों को नीति, व्यापार, संस्कृति के ज़रिए और मजबूत किया जाए। सम्मेलन का उद्देश्य सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक रिश्तों को और सशक्त करना है।
