ग्वालियर | झांसी रोड थाना प्रभारी मंगल सिंह पपोला को चार महीने से लापता रहने के बाद आखिरकार सस्पेंड कर दिया गया है। एसएसपी धर्मवीर सिंह ने शनिवार रात आदेश जारी करते हुए पपोला को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया। टीआई पर आरोप है कि वे सीबीआई की जांच से बचने के लिए छुट्टी लेकर गायब हो गए थे। मामला कोई मामूली नहीं, बल्कि 16 साल पुराने एक फर्जी एनकाउंटर से जुड़ा है, जिसमें पपोला की भूमिका अब संदेह के घेरे में है।
2009 का एनकाउंटर
साल 2009 में हेड कांस्टेबल रहे मंगल सिंह पपोला ने नीमच में एक नशा तस्कर बंशी गुर्जर के एनकाउंटर में मारे जाने का दावा किया था। उस वक्त इस एनकाउंटर को बड़ी कार्रवाई बताकर प्रचारित किया गया और पपोला को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिल गया। लेकिन कहानी में मोड़ तब आया जब साल 2012 में ‘मरा हुआ’ बंशी गुर्जर जिंदा लौट आया। इसके बाद, पूरा मामला फर्जी एनकाउंटर में बदल गया, और जांच एजेंसियों की नजर इस पर टिक गई।
CID से CBI तक पहुंचा मामला
शुरुआत में यह मामला सीआईडी को सौंपा गया, लेकिन जांच में ढिलाई और कथित दबाव के चलते कोर्ट के आदेश पर इसे सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। अप्रैल 2025 में सीबीआई ने टीआई पपोला के खिलाफ वारंट जारी किया। जब टीम झांसी रोड थाने पहुंची, तो पता चला कि पपोला छुट्टी पर हैं। इसके बाद से उनका फोन स्विच ऑफ है और वे अंडरग्राउंड हैं।
SSP ने किया सस्पेंड
मंगल सिंह ने जिस दिन से लीव ली, उसके बाद से वे न तो थाने लौटे और न ही किसी वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क में आए। आखिरकार, चार महीने की गैरहाजिरी और जांच में सहयोग न करने की वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
