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सरकार का बड़ा ऐलान, UPI ट्रांजैक्शंस पर नहीं लगेगा GST; करोड़ों यूजर्स को राहत

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Published On: 27 July 2025

बिजनेस | सरकार ने डिजिटल भुगतान करने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में स्पष्ट किया है कि UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) से होने वाले ट्रांजैक्शंस पर कोई GST नहीं लगाया जाएगा। साथ ही, 2,000 रुपये से अधिक के लेन-देन पर भी जीएसटी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह फैसला उन करोड़ों लोगों के लिए राहत की खबर है, जो रोजमर्रा के भुगतान के लिए UPI का बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं।

डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोगों के लिए यह बेहद राहत भरी खबर है। सरकार ने साफ कर दिया है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से होने वाले लेन-देन पर अब किसी तरह का GST नहीं लगाया जाएगा।

मिला सरकार का सपोर्ट

सरकार ने यूपीआई (UPI) ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने की आशंकाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया है। 22 जुलाई को राज्यसभा के मॉनसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि GST काउंसिल ने यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर जीएसटी लगाने की कोई सिफारिश नहीं की है। उन्होंने बताया कि यह काउंसिल, जिसमें केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, टैक्स रेट्स और छूट से संबंधित फैसले लेती है। चौधरी ने यह भी दोहराया कि यूपीआई पेमेंट्स पर जीएसटी लगाने का कोई प्लान नहीं है, जिससे डिजिटल भुगतान करने वाले लोगों को राहत मिली है।

हाल ही में, अभी कर्नाटक में करीब 6,000 व्यापारियों को उनके यूपीआई ट्रांजैक्शन डेटा के आधार पर जीएसटी डिमांड नोटिस मिले, जिससे व्यापारियों और लोगों में डर फैल गया कि सरकार यूपीआई पेमेंट्स पर टैक्स लगा सकती है। इस डर की वजह से बेंगलुरु के साथ-साथ दिल्ली जैसे शहरों में भी कई व्यापारी यूपीआई पेमेंट स्वीकार करने से हिचक रहे थे। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर कोई जीएसटी टैक्स नहीं लगाया जाएगा, जिससे यह आशंका समाप्त हो गई।

डिजिटल इंडिया को मिली नई गति

यूपीआई आज भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन चुका है। छोटे-मोटे लेन-देन से लेकर बड़े भुगतानों तक, लोग इसे सहजता से इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि यह तेज़, सुरक्षित और किफायती है। सरकार का यह निर्णय डिजिटल इंडिया को और गति देगा। आम आदमी को अब न अतिरिक्त टैक्स की चिंता रहेगी, न ट्रांजैक्शन लिमिट की। यह कदम न सिर्फ आम लोगों के लिए राहत भरा है, बल्कि छोटे व्यापारियों के लिए भी फायदेमंद है, जो यूपीआई के माध्यम से अपने व्यापार को और सुगम बना रहे हैं।

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