उज्जैन | रक्षाबंधन का पर्व इस बार मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों के लिए और भी खास होने वाला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि 7 अगस्त को प्रदेश की सभी लाड़ली बहनों को 250 रुपये की अतिरिक्त राशि “रक्षाबंधन शगुन” के रूप में दी जाएगी। यह राशि लाड़ली बहना योजना के तहत दी जा रही नियमित ₹1250 से अलग होगी। मुख्यमंत्री ने इस घोषणा को भाइयों की ओर से बहनों के लिए एक स्नेह भरा उपहार बताया।
बेस्ट लाइफ स्टाइल
रविवार को उज्जैन स्थित “बेस्ट लाइफ स्टाइल” कंपनी में रक्षाबंधन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की। इस दौरान कंपनी में काम कर रहीं महिलाओं ने मुख्यमंत्री को राखी बांधी और पारंपरिक रूप से तिलक कर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें उपहार भी दिए।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि इस कंपनी में अभी 1500 महिलाएं कार्यरत हैं, लेकिन आने वाले समय में यह संख्या बढ़कर 4000 हो जाएगी। इसके लिए सरकार कंपनी को नया स्थान उपलब्ध कराएगी, जहां कामकाजी महिलाओं के लिए आवासीय सुविधाएं भी होंगी।
CM ने कही ये बात
डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों में सरकार लगातार गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिभा सिंटेक्स कंपनी 7 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रही है और वहां निर्मित वस्त्र अमेरिका तक निर्यात किए जा रहे हैं। अब तक 11 लाख यूनिट का निर्यात हो चुका है और लक्ष्य 20 लाख यूनिट का है। प्रदेश की महिलाएं केवल परिवार नहीं, अब अर्थव्यवस्था का भी आधार बन रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पहले उज्जैन के कपड़ा उद्योगों में 5 हजार लोग कार्यरत थे, अब यह संख्या 20 हजार पार कर चुकी है। आने वाले वर्षों में इसमें और इजाफा होगा।
बहनों को मेरा प्रणाम…
मेरी कलाई पर बंधी हर राखी, सिर्फ धागा नहीं, आपका अमूल्य स्नेह और आशीर्वाद है…
आज उज्जैन के पवासा में कन्या पूजन कर रक्षाबंधन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर बहनों द्वारा रक्षासूत्र के रूप में मिले स्नेह व प्रेम से मन हर्षित है। हमारे त्यौहार… pic.twitter.com/eKeV5DOFel
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 3, 2025
ईश्वर की सौगात
मुख्यमंत्री ने बहनों को ईश्वर की सौगात बताया और कहा कि रक्षाबंधन सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि रिश्तों की ताकत और भावनाओं की गहराई का प्रतीक है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे अपने काम के प्रति निष्ठा रखें और जिन संस्थानों से उन्हें जीवन यापन का साधन मिल रहा है, उनके प्रति समर्पित रहें। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ हजारों की संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।
