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इंदौर में मानव तस्करी का बड़ा खुलासा, पकड़ी गई बच्चा बेचने वाली गैंग; 10 लाख में हुई थी सौदेबाजी

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Published On: 7 August 2025

इंदौर | मध्य प्रदेश के इंदौर के रावजी बाजार थाना क्षेत्र में पुलिस ने बच्चा बेचने वाली एक संगठित गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस नेटवर्क में 6 महिलाएं और उनके 5 पुरुष साथी शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि गैंग का खुलासा तब हुआ जब आजाद नगर निवासी रितेश व्यास नामक युवक ने पुलिस को सूचित कर बच्चा गोद लेने के बहाने डील फिक्स की और मौके पर पुलिस को बुला लिया।

कैसे खुला मामला?

रितेश व्यास 6 महीने पहले प्रमिला साहू और वंदना मकवाना नामक महिलाओं से मूसाखेड़ी चौराहे पर मिला था, जो ऑटो पार्ट्स की दुकान में काम करता है। खुद को बुजुर्गों के लिए केयर सेंटर चलाने वाली बताकर दोनों ने रितेश से दोस्ती बढ़ाई और फिर यह दावा किया कि वे निःसंतान दंपतियों को बच्चे दिलवाने में मदद करती हैं।

शक होने पर रितेश ने दोस्तों से सलाह की और पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद, बच्चा गोद लेने का नाटक रचते हुए उसने आरोपियों को 4 अगस्त को अग्रसेन चौराहे पर बुलाया, जहां सोनू नामक महिला एक डेढ़ महीने के बच्चे को लेकर पहुंची। जैसे ही सौदे की बात हुई, रितेश ने पुलिस को इशारा किया और पूरी गैंग पकड़ी गई।

10 लाख में डील

जांच में सामने आया कि बच्चे के सौदे की कुल रकम 10 लाख रुपये तय की गई थी। गरीब और तलाकशुदा सोनू को सिर्फ 4 लाख रुपए दिए जाने थे। सोनू मूलतः गुजरात की रहने वाली है और उज्जैन में एक धोखेबाज युवक से रिश्ते में आने के बाद गर्भवती हुई थी। प्रमिला और वंदना ने सोनू की डिलीवरी तक का खर्च उठाया और फिर बच्चे को बेचने के लिए तैयार किया।

लुटेरी दुल्हन गैंग

जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि गैंग की कई महिलाएं लुटेरी दुल्हन गिरोह का भी हिस्सा रही हैं। इनमें से कुछ ने राजस्थान और मध्यप्रदेश के युवकों से फर्जी शादियां कर पैसे ऐंठे हैं। पूछताछ में प्रमिला और वंदना के बाद पूजा वर्मा, नीलम वर्मा, नीतू शुक्ला और प्रिया माहेश्वरी जैसे नाम सामने आए। इनमें कोई आईवीएफ सेंटर में काम करता था, तो कोई मैरिज ब्यूरो चलाता था। गैंग के पास बच्चा पैदा होते ही उसे बेचने तक की पूरी कड़ी मौजूद थी।

अब तक 9 गिरफ्तार

पुलिस ने अब तक 11 आरोपियों की पहचान की है। इनमें से 9 गिरफ्तार हो चुके हैं, एक हिरासत में है और एक आरोपी अभी फरार है। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा और उनके खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग सहित गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

यह संगठित गिरोह समाज के सबसे संवेदनशील पहलू बच्चों और महिलाओं के साथ क्रूर व्यापार कर रहा था। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बड़ा अपराध टल गया- दिशेष अग्रवाल, एडिशनल डीसीपी, जोन-4

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