नई दिल्ली | गणेश चतुर्थी का पावन पर्व आ रहा है और देशभर में बप्पा का धूमधाम से स्वागत किया जाएगा। घर, प्रतिष्ठानों और पंडालों में गणेश स्थापना होगी। इसी के साथ गणेश मंदिर में भी इस दौरान भारी भीड़ देखने को मिलती है। भारत में आपको एक से बढ़कर एक गणेश जी के मंदिर देखने को मिलेंगे। जब आप अलग-अलग राज्यों और वहां के शहरों में मौजूद गणेश मंदिरों में जाएंगे तो आपको सुंदर प्रतिमाओं के दर्शन करने को मिलेंगे। बात अगर कर्नाटक की करें तो यहां पर गणपति जी की भक्ति का अलग ही रंग देखने को मिलता है। यहां के मंदिरों का इतिहास और धार्मिक महत्व बहुत ही अनोखा है।
यहां जाने पर आपको प्राचीन परंपराओं और वास्तुकला का बेहतरीन संगम देखने को मिलेगा। कहीं पर समुद्र के किनारे विशाल गणेश जी की मूर्ति दिखेगी तो कहीं पहाड़ों की ऊंचाइयों पर गणेश जी विराजे हुए हैं। आज हम आपको कर्नाटक के गणपति मंदिरों के बारे में बताते हैं।
इडगुंजी मंदिर
यह महागणपति का मंदिर है। अब तक आपने चार या आठ हाथों वाली मूर्ति देखी होगी लेकिन इस मंदिर में दो हाथों वाले गणपति बप्पा देखने को मिलेंगे। गजानंद का यह महागणपति अवतार एक हाथ में कमल और दूसरे में मोदक लिए हुए। यह मंदिर ईदागूंजी रोड मेलिन कर्नाटक में मौजूद है। यह 15 साल पुराना है और यहां की पूजा परंपरा और अनुष्ठान प्राचीन शैली में किया जाता है। इसे कर्नाटक का दूसरा सिद्धिविनायक कहा जाता है।
डोड्ढा गणपति मंदिर
अगर आप सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा देखना चाहते हैं तो इस मंदिर में जा सकते हैं। इस मंदिर के अलावा आपको कर्नाटक में कहीं भी इतनी बड़ी प्रतिमा देखने को नहीं मिलेगी। यह 18 फीट ऊंची और 16 फीट चौड़ी है। हर दिन यहां हजारों भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। ये कर्नाटक के बेंगलुरु के बसवनगुडी में मौजूद है।
महागणपति मंदिर
महाबलेश्वर के पास यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। पहले लोग गणपति मंदिर जाते हैं और फिर महाबलेश्वर मंदिर में शिव जी के दर्शन करते हैं। इस मंदिर का डिजाइन अन्य मंदिरों से बिल्कुल अलग है। यहां गणेश जी की मूर्ति छोटी है और उनके सिर पर एक छेद भी देखने को मिलता है। यह मंदिर गंगावली रोड गोकर्ण कर्नाटक में है। सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से रात 9:00 बजे तक आप यहां दर्शन कर सकते हैं।
