भोपाल | कटनी में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव को लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव वास्तव में स्थानीय लोगों के लिए नहीं बल्कि बड़े उद्योगपतियों और बाहरी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
किया सवाल
सिंघार ने सवाल उठाया कि यह कार्यक्रम आखिर किसके लिए आयोजित हो रहा है। क्या बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रदेश के उद्यमियों के लिए या फिर विदेशी कंपनियों को खदानों की लीज़ देने के लिए? उन्होंने कहा कि प्रदेश के करीब डेढ़ हजार स्थानीय माइनिंग कारोबारी पहले से काम कर रहे हैं, सरकार को उनकी समस्याओं का हल करना चाहिए। लेकिन सरकार उनके हक को नज़रअंदाज़ कर बाहरी कंपनियों को लीज़ देने की तैयारी कर रही है।
सरकार ने साधी चुप्पी
उन्होंने कहा कि माइनिंग सेक्टर से जुड़े कई गंभीर मुद्दों पर सरकार ने चुप्पी साध रखी है। आदिवासी क्षेत्रों में बिना ग्राम सभाओं से अनुमति लिए खनन किया जा रहा है। कई आदिवासी परिवारों को मुआवजा दिए बिना उजाड़ा जा रहा है। प्रदेश भर में रेत माफिया सक्रिय है और 2023 की CAG रिपोर्ट में साफ तौर पर लिखा गया है कि 90 प्रतिशत रॉयल्टी की चोरी हो रही है। सिंघार ने आरोप लगाया कि यह चोरी सरकार की अवैध कमाई का जरिया बन चुकी है।
माइनिंग कॉन्क्लेव या भाजपा का खनिज उत्सव !!!
भाजपा सरकार आज #कटनी में माइनिंग कॉन्क्लेव कर रही है!
… लेकिन, यह स्पष्ट नहीं कि ये कॉन्क्लेव किसके लिए हो रहा है! स्थानीय बेरोजगारों को काम देने के लिए, MP के उद्योपतियों के लिए या विदेशी कंपनियों को लीज देने के लिए?
सरकार इस… pic.twitter.com/7Ymf29Vuk3— Umang Singhar (@UmangSinghar) August 23, 2025
उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों में 40 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जंगल काटे गए, जिसमें खनन की अहम भूमिका रही है। सिंगरौली के मोरवा इलाके में 50 हजार से ज्यादा परिवार विस्थापित होने की कगार पर हैं और यह सब बड़े उद्योगपतियों के हित में किया जा रहा है।
DMA पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड (DMA) पर भी सवाल उठाए। उनके मुताबिक पिछले 10 साल में 13 हजार करोड़ रुपये की राशि जमा हुई, लेकिन यह पैसा उन लोगों पर खर्च नहीं किया गया जो खनन से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जिन इलाकों में खदानें हैं, वहां के लोगों को अब तक मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पाई हैं। सिंघार का कहना है कि सरकार की यह नीति खनन प्रभावितों के साथ अन्याय और निर्ममता को दर्शाती है।
भ्रष्टाचार का उदाहरण
उन्होंने आरोप लगाया कि SIYA के तहत 450 डिम्ड परमिशन कंपनियों को बिना बैठक किए दे दी गईं और एक-एक कंपनी से करोड़ों की वसूली की गई। यह न केवल भ्रष्टाचार का उदाहरण है बल्कि पर्यावरण के साथ खुला मजाक भी है। अंत में सिंघार ने कहा कि कटनी में हो रहा यह आयोजन वास्तव में “खनिज उत्सव” है, न कि विकास का कॉन्क्लेव। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या वह उनके उठाए गए मुद्दों पर विचार करेगी और स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करेगी।
