भोपाल | मध्य प्रदेश के शासन ने आगामी गणेश चतुर्थी के अवसर पर भोपाल शहर के लिए स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया है। जारी आदेश के अनुसार, बुधवार 27 अगस्त 2025 को केवल भोपाल शहर में स्थानीय अवकाश प्रभावी रहेगा। इस दिन शासकीय कार्यालयों, विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश रहेगा। हालांकि, आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभाग पहले की तरह कार्यरत रहेंगे।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह अवकाश सामान्य अवकाश की श्रेणी में नहीं आता, बल्कि स्थानीय स्तर पर घोषित किया गया है। इसलिए यह केवल भोपाल शहर के सरकारी कर्मचारियों और कार्यालयों पर लागू होगा।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी देशभर में अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई जाती है। इसे विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह पर्व आता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश जी को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत उनके नाम के बिना अधूरी मानी जाती है। भक्तजन घरों और पंडालों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं और 10 दिनों तक विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं।
इस दौरान जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन-कीर्तन और सामूहिक पूजा का आयोजन किया जाता है। खासतौर से महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश में इस पर्व का विशेष महत्व है। भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में भी गणेश चतुर्थी पर भक्ति और उत्सव का माहौल देखने को मिलता है।
गणपति बप्पा मोरया
लोग ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयघोष के साथ गणेश जी की स्थापना करते हैं और परिवार सहित पूजा करते हैं। यह पर्व एकता, सद्भाव और भक्ति का प्रतीक है। दसवें दिन धूमधाम से प्रतिमा विसर्जन किया जाता है, जिसे ‘अनंत चतुर्दशी’ कहते हैं। विसर्जन के समय लोग गणेश जी से पुनः शीघ्र आने का आग्रह करते हैं।
अवकाश का असर
गणेश चतुर्थी पर घोषित स्थानीय अवकाश से सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। वहीं, बाजारों और धार्मिक स्थलों में भीड़ बढ़ने की संभावना है। लोग सुबह से मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचेंगे। पंडालों में विशेष सजावट और भव्य झांकियां देखने को मिलेंगी। भोपाल प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे पर्व के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखें तथा स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।
