केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों को खाद की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने साफ किया कि खाद वितरण में टैगिंग किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। टैगिंग को अवैध बताते हुए चौहान ने चेतावनी दी कि जहां से शिकायत आएगी, वहां तुरंत कार्रवाई होगी। उनका कहना है कि कुछ जगह कंपनियों की गड़बड़ियों से किसानों को दिक्कत हुई है, इसलिए कंपनियों की जांच कर जिम्मेदारी तय की जाएगी।
शिवराज ने बताया कि इस बार डीएपी, यूरिया और एनपीके की सप्लाई पिछले साल से ज्यादा आई है। अगर कहीं कमी नजर आती है तो वितरण व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
हर चीज में लगती थी लाइन
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शिवराज ने कहा कि कांग्रेस के जमाने में हर चीज के लिए लाइन लगती थी। गैस सिलेंडर, टेलीफोन, स्कूटर और यहां तक कि खिलौने के लिए भी घंटों खड़ा रहना पड़ता था। हमने वह व्यवस्था खत्म कर डिजिटल लाइन शुरू की है, जिससे योजनाओं का सीधा लाभ लोगों तक पहुंच रहा है। अमेरिका के ट्रंप टैरिफ पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवराज ने कहा कि इससे भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे लिए देश हित सबसे ऊपर है और राष्ट्रीय हित में किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
GST में बदलाव
जीएसटी में बदलाव को किसानों के लिए बड़ा राहतभरा फैसला बताते हुए चौहान ने कहा कि इससे खेती की लागत कम होगी और उत्पादन बढ़ेगा। खेती के साथ किसान अगर एलाइड सेक्टर में भी काम करेंगे, तो उनकी आमदनी बढ़ेगी। उन्होंने लखपति दीदी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि जीएसटी में छूट से महिलाओं की आमदनी भी बढ़ेगी और प्राकृतिक व जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि जीएसटी दरों में कटौती से हस्तशिल्प और दुग्ध उत्पादों से जुड़े लोगों को भी फायदा होगा। उनका मानना है कि इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी क्योंकि व्यक्तिगत और सामूहिक खरीदी दोनों में फायदा होगा।
जीएसटी सुधारों से किसानों को बड़ी राहत मिली है। अब ट्रैक्टर खरीदना पहले से सस्ता हो गया है।
– माननीय केंद्रीय मंत्री श्री @ChouhanShivraj जी pic.twitter.com/AazcyZGrkE
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) September 6, 2025
उपकरण मिलेंगे सस्ते
ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों के दाम घटने की जानकारी देते हुए शिवराज ने कहा कि 9 लाख रुपये के ट्रैक्टर पर किसान को करीब 63 हजार रुपये की सीधी बचत होगी। अलग-अलग हार्स पावर और कंपनियों के हिसाब से यह बचत अलग-अलग हो सकती है। थ्रेसर, हार्वेस्टर और अन्य उपकरण भी अब सस्ते मिलेंगे।
फसल बीमा योजना पर बात करते हुए चौहान ने कहा कि अब सैटेलाइट तकनीक से फसल नुकसान की जांच होगी। दावा बनने के बाद अगर 21 दिन के भीतर बीमा कंपनी ने पैसा नहीं दिया तो उस पर ब्याज लगाया जाएगा।
