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धार में देश का सबसे बड़ा पीएम मित्रा पार्क, कपास किसानों से लेकर युवाओं तक सबको बड़ी उम्मीदें

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Published On: 18 September 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को धार जिले के भैंसाला गांव में देश के सबसे बड़े पीएम मित्रा पार्क का शिलान्यास किया। करीब 2158 एकड़ जमीन पर बनने वाला यह पार्क अगले दो साल में उत्पादन शुरू करेगा। इससे मालवा-निमाड़ के कपास किसानों, स्थानीय युवाओं और टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े उद्यमियों को बड़ी उम्मीदें हैं।

कपास उत्पादक किसानों का कहना है कि अब उनकी फसल गांव में ही अच्छे दामों पर बिकेगी। छायन गांव के किसान मन्नालाल भूरिया ने कहा, “हम कपास उगाते हैं, लेकिन दाम अच्छे नहीं मिलते। पार्क बनने से फायदा होगा।” वहीं गंधवानी के किसान नरसिंह भाबर का मानना है कि फैक्ट्रियां खुलने के बाद कपास का भाव 100 रुपए किलो तक पहुंच सकता है और बच्चों को रोजगार भी मिलेगा।

उत्साहित

महिलाएं और श्रमिक भी उत्साहित हैं। दोत्रिया गांव की पूजा और उनके पति महेश प्रसाद ने कहा कि अब मजदूरी गांव में ही मिलेगी और परिवार से दूर जाने की मजबूरी खत्म होगी। स्थानीय युवा शोभाराम वास्केल ने कहा कि सरकारी नौकरी मिले न मिले, लेकिन पार्क में रोजगार के अवसर जरूर बनेंगे।

बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणा

निवेशकों ने भी बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणा की है। बदनावर की चौधरी इन्फ्रा प्रोजेक्ट ने 2.70 करोड़ का निवेश कर जिपर मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने का ऐलान किया। वहीं इंदौर की कंपनी नासा फाइबर टू फैशन 4.72 करोड़ रुपए से डाइंग, निटिंग और गारमेंटिंग का प्रोजेक्ट लगाएगी। कुक्षी के उद्योगपति लक्ष्मीनारायण गुप्ता ने कहा कि कॉम्पिटिटिव रेट्स पर कपास खरीदी से किसानों की आमदनी बढ़ेगी।

शिलान्यास कार्यक्रम में पीएम मोदी ने लगभग 46 मिनट तक भाषण दिया। उन्होंने धार की भोजशाला में वाग्देवी का जिक्र करते हुए कहा कि यह इलाका परंपरा और संस्कृति से समृद्ध है। अपने संबोधन में पीएम ने पाकिस्तान पोषित आतंकवाद पर सख्त संदेश दिया और कहा कि नया भारत किसी की परमाणु धमकियों से नहीं डरता, बल्कि घर में घुसकर जवाब देता है।

पगड़ी पहनाकर स्वागत

कार्यक्रम के दौरान पीएम का पारंपरिक पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। सीएम डॉ. मोहन यादव ने 10वीं शताब्दी की वराह मूर्ति भेंट की और सावित्री ठाकुर ने तीर-कमान और आदिवासी पगड़ी दी। हालांकि, कार्यक्रम में अव्यवस्थाएं भी रहीं। निवेशकों के लिए बनी सीटों पर स्थानीय नेताओं ने कब्जा कर लिया और बाहर निकलते समय लंबा जाम लग गया।

फिर भी, किसानों से लेकर उद्योगपतियों तक, सबकी निगाहें अब इस पार्क पर टिकी हैं। सबको उम्मीद है कि यह पार्क मालवा-निमाड़ की तस्वीर बदल देगा।

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