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MP में मानसून सक्रिय, हल्की और तेज बारिश का दौर जारी; शिवपुरी में बिजली गिरने से मां-बेटे की मौत

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Published On: 20 September 2025

MP में मानसून सक्रिय है और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हल्की से लेकर तेज बारिश का दौर लगातार जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ (चक्रवात) एक्टिव हैं, लेकिन इनमें से कोई भी स्ट्रॉन्ग नहीं है। इसके कारण अगले चार दिनों तक भारी बारिश की संभावना नहीं जताई गई है। हालांकि, स्थानीय सिस्टम के सक्रिय होने से कुछ जिलों में तेज बारिश हो सकती है।

शनिवार को भोपाल, नर्मदापुरम, सीहोर (बुधनी), बड़वानी (सेंधवा) और गुना में दोपहर बाद बारिश शुरू हुई। प्रदेश में शुक्रवार को भी छतरपुर के खजुराहो, बड़वानी के सेंधवा और एबी रोड स्थित बिजासन घाट क्षेत्र में तेज बारिश देखी गई। खजुराहो के रनगुवां बांध के तीन गेट खोल दिए गए, जबकि भोपाल के भदभदा डैम का एक गेट खोला गया। बैतूल में डेढ़ इंच और रतलाम-छिंदवाड़ा में 1-1 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई।

बिजली गिरने से मां-बेटे की मौत

इस बीच शिवपुरी जिले के रूपेपुर गांव में शुक्रवार शाम आकाशीय बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे श्यामकुमारी लोधी (45) और उनके बेटे राहुल लोधी (19) की मौत हो गई। उनकी बेटी बेना लोधी (18) झुलस गई, जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्रदेश में इस मानसूनी सीजन में अब तक औसत 43.5 इंच बारिश हो चुकी है, जो सामान्य औसत से 7.5 इंच अधिक है। गुना में सबसे ज्यादा 65 इंच जबकि खरगोन में सबसे कम 26.2 इंच पानी गिरा। ग्वालियर-चंबल और पूर्वी संभाग जैसे जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल में मानसून के स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय रहे, जिसके कारण इन जिलों में कोटे से अधिक बारिश हुई और कई जगह बाढ़ की स्थिति बनी।

मौसम विभाग

मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है। बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और शाजापुर में सबसे कम बारिश दर्ज की गई। वहीं ग्वालियर-चंबल संभाग के आठों जिलों ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। प्रदेश में मानसून की आमद 16 जून को हुई थी। तब से अब तक औसत 43.5 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि सामान्य औसत केवल 37 इंच है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आखिरी सप्ताह में प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश का एक और दौर देखने को मिल सकता है।

मौसम विभाग ने यह भी बताया कि राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों से मानसून लौट चुका है। आधे राजस्थान में मानसून लौट गया है और यदि यही रफ्तार रही, तो मध्य प्रदेश के कई जिलों में भी मानसून की वापसी हो सकती है।

कोटे से अधिक बारिश

भोपाल में सितंबर माह की औसत बारिश 7 इंच है, लेकिन पिछले चार साल से यह कोटे से अधिक रही है। ओवरऑल रिकॉर्ड के अनुसार, साल 1961 में पूरे सितंबर माह में 30 इंच से अधिक बारिश हुई थी, जबकि 24 घंटे में सर्वाधिक 9.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड 2 सितंबर 1947 को दर्ज किया गया था।

प्रदेश में दिन का तापमान औसतन 31.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस तक रहा। मानसूनी गतिविधियों के कारण कृषि एवं जल संसाधनों पर असर पड़ेगा, वहीं प्रशासन ने जलभराव और बिजली गिरने जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है।

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