जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय ने साल 2021-22 में पीजी डिप्लोमा कोर्स “करियर एंड गाइडेंस काउंसलिंग” शुरू किया, जिसने छात्रों को करियर की नई दिशा देने के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी मदद की है। इस कोर्स को करने वाले लगभग 75 प्रतिशत युवा रोजगार से जुड़ चुके हैं और विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
खुला प्रवेश
शुरुआत में यह कोर्स केवल मनोवैज्ञानिकों और शिक्षकों के लिए ही उपलब्ध था। लेकिन छात्रों की बढ़ती रुचि और रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए विश्वविद्यालय ने इसे सभी विषयों के स्नातक छात्रों के लिए खोल दिया। इस बदलाव के बाद कोर्स की लोकप्रियता बढ़ गई और अब हर स्ट्रीम के छात्र करियर काउंसलिंग के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।
सीटों में बड़ा इजाफा
प्रारंभिक दौर में जागरूकता की कमी के कारण 30 सीटों में से कुछ ही भरी जा सकीं। अगले साल सभी सीटें भर गईं, और इस साल भारी मांग को देखते हुए सीटें बढ़ाकर 100 कर दी गई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि यह कदम छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करने के लिए आवश्यक था।
वैल्यू एडेड कोर्स
कौशल विकास संस्थान की मनोवैज्ञानिक और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ. मीनल दुबे ने कहा कि यह एक वैल्यू एडेड कोर्स है, जो छात्रों की रोजगार संभावनाओं को काफी बढ़ाता है। आज सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में करियर काउंसलर्स और मनोवैज्ञानिकों की भारी मांग है, और इस कोर्स ने छात्रों को इन अवसरों के लिए तैयार किया है।
200 छात्र पहले ही कर चुके हैं पास
तीन साल में इस कोर्स में लगभग 200 छात्र पास हो चुके हैं। इनमें से 75 प्रतिशत से अधिक को रोजगार मिला है। छात्र करियर काउंसलर, मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता और अन्य पदों पर कार्यरत हैं। उन्हें सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों, क्लीनिक और एनजीओ सहित विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मिल रहे हैं।
रोजगार
इस कोर्स की खासियत यह है कि यह न केवल छात्रों के करियर को मजबूत बनाता है, बल्कि समाज में युवाओं को सही मार्गदर्शन देने में भी मदद करता है। विश्वविद्यालय का मानना है कि यह पहल न केवल शिक्षा के स्तर को बढ़ाएगी, बल्कि रोजगार और सामाजिक जागरूकता को भी बढ़ावा देगी।