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सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतकर्ताओं की ब्लैकमेलर लिस्ट बनाने पर उमंग सिंघार ने उठाई आपत्ति, पढ़ें पूरी खबर

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Published On: 27 September 2025

मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सीएम हेल्पलाइन और अन्य सरकारी पोर्टल पर झूठी और आदतन शिकायत करने वाले, साथ ही ब्लैकमेलर्स की सूची तैयार करने के आदेश पर तीखी आपत्ति जताई। सिंघार ने कहा कि यह आदेश जनता की आवाज़ को दबाने का प्रयास है और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर सीधे प्रहार के समान है। उनका कहना है कि सरकार का काम समस्याओं का समाधान करना है, न कि शिकायतकर्ताओं को डराकर उनकी जानकारी सूचीबद्ध करना।

जनता परेशान

सिंघार ने बताया कि पूरे मध्यप्रदेश में अधिकारियों ने हजारों शिकायतें बिना समाधान किए फोर्स क्लोज कर दी हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों के पैसों या दबाव के चलते झूठे जवाब दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे शिकायतकर्ताओं को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं की कुंडली बनाने के बजाय उन अधिकारियों की सूची तैयार करनी चाहिए जिन्होंने शिकायतों को गलत तरीके से बंद कराया।

नेता प्रतिपक्ष ने स्पष्ट किया कि वे मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि यह आदेश तुरंत वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि जनता शिकायत करने से डर जाएगी और सरकार के प्रति विश्वास कमजोर होगा। सरकार का उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान करना होना चाहिए, न कि उन्हें ब्लैकमेलर घोषित करना।

लोक सेवा प्रबंधन विभाग का आदेश

लोक सेवा प्रबंधन विभाग ने 25 सितंबर को आदेश जारी कर सभी कलेक्टरों से कहा कि झूठी और आदतन शिकायत करने वाले तथा ब्लैकमेलर्स की सूची मोबाइल नंबर के साथ तैयार कर सरकार को भेजें। आदेश का उद्देश्य यह था कि सरकार इस मामले में कोई निर्णय ले सके, लेकिन नेताओं और एक्टिविस्ट इसे आम जनता में भय पैदा करने वाला कदम मान रहे हैं।

एक्टिविस्ट का विरोध

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने भी इस आदेश का विरोध किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में शिकायत सरकार से की जाती है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। अगर कोई गलत करता है तो पुलिस में शिकायत करनी चाहिए, न कि बड़े पैमाने पर सूची बनाकर आम नागरिकों में डर का माहौल तैयार किया जाए।

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