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भोपाल में सीवेज नेटवर्क विस्तार में जुटी नगर निगम, 700 किमी लाइन के बावजूद जुड़े 1.26 लाख घर

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Published On: 28 September 2025

भोपाल शहर में सीवेज नेटवर्क का विस्तार जारी है, लेकिन चुनौती अभी भी बड़ी है। अब तक शहर में 445 करोड़ रुपए खर्च कर 468 किलोमीटर सीवेज लाइन बिछाई जा चुकी है। इसके अलावा अलग-अलग समय में 250 किलोमीटर लाइन और बिछाई गई, यानी कुल नेटवर्क लगभग 700 किलोमीटर पहुंच चुका है।

कुल 5.50 लाख घरों में से अभी केवल 1.26 लाख घरों का कनेक्शन ही सफलतापूर्वक हो पाया है। नीलबड़, सूरज नगर, गोरा गांव, ललिता नगर, प्रियंका नगर, बैरागढ़ चीचली, टीटी नगर, चूनाभट्टी, कमला नगर, वैशाली नगर और रतनपुर सड़कों के इलाकों में कई घर खुले में या नालियों में सीवेज छोड़ रहे हैं। लोग इस समय सेप्टिक टैंक पर निर्भर हैं और मशीनों से निकाले गए सीवेज को खुले में फेंकते हैं।

1000 करोड़ से अधिक खर्च

नगर निगम ने योजना बनाई है कि अगले तीन साल में 1000 करोड़ रुपए खर्च कर 100% सीवेज नेटवर्क बिछाया जाएगा। इससे 3.50 लाख घरों तक कनेक्शन पहुंचाया जा सकेगा। इसके बाद भी लगभग 2 लाख घरों के सेप्टिक टैंक वाले कनेक्शन बाद में जोड़ने होंगे, इसके लिए अतिरिक्त 2000 करोड़ रुपए का निवेश आवश्यक होगा। यह नेटवर्क 2040 की अनुमानित जनसंख्या की जरूरतों को पूरा करेगा।

विधानसभा क्षेत्रों में स्थिति

  • हुजूर: अभी 158 किमी लाइन, शेष 182 किमी बिछाई जाएगी।
  • गोविंदपुरा: 60 किमी लाइन बिछी, शेष 141 किमी।
  • दक्षिण-पश्चिम: 63 किमी बिछी, शेष 229.7 किमी।
  • उत्तर: 128 किमी बिछी, 28.5 किमी बिछाने शेष।
  • नरेला: अभी कोई नेटवर्क नहीं, 268 किमी बिछाई जाएगी।
  • मध्य क्षेत्र: 59 किमी बिछी, शेष 113 किमी बिछाई जाएगी।

तकनीकी चुनौतियां

पहले बिछाई गई लाइनों में घरों का स्तर सीवेज लाइन से नीचे होने के कारण कनेक्शन देने में मुश्किलें आईं। अब अमृत 2.0 परियोजना में इस पर ध्यान दिया गया है। संकरी गलियों, तोड़फोड़ और सेप्टिक टैंक वाले घरों के स्तर में असमानता जैसी चुनौतियों का समाधान किया जाएगा।

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