इंदौर में शीतला माता बाजार में मुसलमान कर्मचारियों को दुकानों से हटाने के मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है। शनिवार को कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मामले पर चिंता जताते हुए कहा कि यदि FIR नहीं दर्ज की गई तो वे अदालत का रुख करेंगे। यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य सिंह गौड़ ने व्यापारियों से अपील की कि वे अपनी दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दें। उन्होंने 25 सितंबर तक का अल्टीमेटम भी दिया था। इसके बाद कुछ कर्मचारियों को दुकानों से हटाया गया।
दिग्विजय सिंह ने शनिवार को शीतला माता बाजार का दौरा किया और थाने जाकर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बीजेपी का यह कदम असंवैधानिक और कानूनन अपराध है। उन्होंने कहा कि पुलिस आरोपियों को संरक्षण दे रही है और FIR दर्ज नहीं की गई।
पुलिस का रुख
इंदौर पुलिस का कहना है कि मामले में ज्ञापन मिला है और जांच जारी है। एडिशनल डीसीपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने बताया कि अब तक पीड़ित पक्ष सामने नहीं आया है। यदि वे आएंगे तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
दिग्विजय सिंह की चेतावनी
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 5 अक्टूबर तक FIR दर्ज नहीं हुई तो वे अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने पुलिस की संवेदनशील मामलों में देरी पर सवाल उठाए। वहीं, FIR दर्ज कराने के लिए एडिशनल कमिश्नर दो सप्ताह का समय मांग रहे हैं।
विरोध भी तेज
इस मामले में विरोध भी शुरू हो गया है। इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने आरोप लगाया कि दिग्विजय सिंह शहर का शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ रहे हैं और उनके खिलाफ केस होना चाहिए। सोमवार रात हिंदू महासभा ने दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी का पुतला जलाकर विरोध किया। शीतला माता बाजार व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष हेमा भैया पंजवानी ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन किया।
धन्यवाद @saltbylutyens आपने उन परिवारों के हित में आवाज़ उठाई है। @BJP4India का यह कदम केवल असंवैधानिक ही नहीं है पर क़ानून अपराध भी है। दुख इस बात का है कि एमपी पुलिस उनकी FIR दर्ज करने के बजाय अपराधियों को संरक्षण दे रही है। 15 सितंबर 2025 को प्रभावित कारीगरों और दुकानदारों ने… https://t.co/jmhm4U3abe
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) October 1, 2025
स्थिति की समीक्षा
मामले में कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। विवाद का मुख्य बिंदु यह है कि मुसलमान कर्मचारियों को हटाने की अपील और कार्यवाही पर कानून के अनुसार कदम क्यों नहीं उठाए गए। प्रशासन फिलहाल जांच कर रहा है, लेकिन FIR दर्ज नहीं होने से राजनीतिक और सामाजिक तनाव बढ़ रहा है।