दशहरा के मौके पर गुरुवार को ग्वालियर शहर में तीन स्थानों पर रावण दहन का आयोजन किया जाएगा। सबसे बड़ा और पुराना रावण दहन फूलबाग के ऐतिहासिक मैदान में होगा। यहां 60 फीट का रावण और 55-50 फीट के मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाएंगे। इसके अलावा थाटीपुर दशहरा मैदान और डीडी नगर रामलीला मैदान में भी रावण दहन होगा।
फूलबाग में तैयारी
फूलबाग मैदान पर पिछले 15 दिनों से लगभग 20 कारीगर लगातार पुतलों का निर्माण कर रहे थे। रावण दहन से पहले रामलीला से शोभा यात्रा निकलेगी, जो शहर में घूमकर फूलबाग मैदान पहुंचेगी। फूलबाग का रावण दहन 79 वर्षों से होता आ रहा है। पुराने छत्री मैदान के बजाय अब यह आयोजन फूलबाग में किया जाता है।
पुतलों का निर्माण
कारीगरों के अनुसार तीन पुतलों को बनाने में 200 बांस, 50 किलो धागा, 100 किलो मैदा, 200 किलो कागज और 2 किलो रंग का इस्तेमाल हुआ है। प्रत्येक पुतले में लगभग 30-30 हजार रुपए की आतिशबाजी लगी है। इन पुतलों को बनाने में कुल मिलाकर डेढ़ लाख रुपए की लागत आई है।
पार्किंग की व्यवस्था
भीड़ को देखते हुए पुलिस ने यातायात डायवर्ट और पार्किंग की व्यवस्था की है। इंदरगंज और बहोड़ापुर की ओर से आने वाले वाहनों को अलग-अलग मार्गों से भेजा जाएगा। फूलबाग में आने वाले आमजन अपने वाहन लक्ष्मीबाई समाधि और लाल-बाल-पाल चिड़ियाघर के पास पार्क कर मैदान पैदल जा सकेंगे।
थाटीपुर और डीडी नगर दशहरा मैदान में भी विशेष मार्गों और पार्किंग व्यवस्था की गई है। बारादरी से सराफा मार्ग बंद रहेगा। भारी वाहनों के लिए डायवर्ट किए गए मार्गों के अलावा आम लोगों के लिए सुरक्षित पार्किंग के स्थान बनाए गए हैं।
सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन
सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और वॉलंटियर्स भी मैदान और आसपास तैनात रहेंगे। भीड़ नियंत्रण के लिए रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्ट और पार्किंग निर्देश दिए गए हैं। ग्वालियर के तीनों दशहरा मैदानों में रावण दहन का आयोजन भव्य रूप से किया जाएगा। फूलबाग में 60 फीट रावण का दहन देखने हजारों लोग इकट्ठा होंगे। इस आयोजन के जरिए शहरवासियों को दशहरा का परंपरागत उत्सव देखने का अवसर मिलेगा और पुराने रावण निर्माण की कला को भी सम्मान मिलेगा।