इंदौर शहर के पुराने और जर्जर मालवा मिल पुल का इंतजार खत्म हुआ। विजयादशमी के अवसर पर 2 अक्टूबर को यह पुल आम जनता के लिए खोला गया। पुराने पुल के कारण रोजाना यातायात प्रभावित होता था, लेकिन अब नए पुल के बनने से मालवा मिल और पाटनीपुरा क्षेत्र में ट्रैफिक का दबाव काफी कम होगा।
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नए पुल का लोकार्पण किया। इस अवसर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री ने कहा कि पुराने पुल का जीर्ण स्थिति में होना रोजाना आने-जाने वालों के लिए समस्या बन गया था। नए पुल से करीब एक लाख से अधिक लोगों को सुविधा होगी।
निर्माण और लागत
करीब 100 साल पुराना पुल अब पूरी तरह नया रूप लेकर तैयार हुआ है। इसका निर्माण 6 करोड़ रुपए की लागत से किया गया। पुराने पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए इसे दोबारा बनाया गया ताकि यातायात सुचारु रूप से चल सके। नए पुल की चौड़ाई बढ़ाई गई है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या भी कम होगी।
मालवा मिल पुल रेलवे स्टेशन को विजयनगर, रिंग रोड और रसोमा चौराहे से सीधे जोड़ता है। पहले पुराने पुल के बंद होने की वजह से लोग संकरी गलियों से होकर गुजरते थे, जिससे समय और सुविधा दोनों प्रभावित होती थी। अब नए पुल के खुलने से यह परेशानी समाप्त हो गई है।
लोगों को मिली राहत
नई सुविधा से रोजाना स्कूल, कॉलेज और ऑफिस जाने वाले लोग समय की बचत करेंगे। वाहन चालकों को अब लंबा रूट तय नहीं करना पड़ेगा। साथ ही पैदल यात्रियों के लिए भी सुरक्षित मार्ग उपलब्ध हुआ है।
ट्रैफिक में सुधार
नगर प्रशासन ने बताया कि नए पुल के साथ आसपास के मार्गों पर भी ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाया गया है। पुल के माध्यम से मालवा मिल–पाटनीपुरा क्षेत्र से लेकर मध्य इंदौर तक की कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। मालवा मिल पुल का नया स्वरूप न केवल शहरवासियों को सुविधा देगा बल्कि शहर की सौंदर्य और यातायात दोनों की गुणवत्ता में सुधार लाएगा। अब इंदौरवासियों को संकरी गलियों से गुजरने की जरूरत नहीं होगी और रोजाना का सफर पहले से आसान और सुरक्षित बन जाएगा।
