इंदौर में एमवाय अस्पताल में हुए चूहा कांड को लेकर शुरू हुआ आंदोलन अब सिर्फ एक संगठन की नहीं, बल्कि जनता की आवाज बन चुका है। जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) द्वारा चलाया जा रहा यह आंदोलन अब हर वर्ग तक पहुँच गया है। इंदौर के गरबा पंडालों में गुरुवार रात एक भावुक नजारा देखने को मिला, जब छोटे-छोटे बच्चे और बच्चियों ने हाथों में तख्तियां लेकर न्याय की मांग की।
तख्तियों पर लिखा था, “एमवाय चूहा कांड की बच्चियों को न्याय दो।” जब बच्चों ने यह नारे लगाए तो पूरा पंडाल उनकी आवाज से गूंज उठा। यह दृश्य इस बात का संकेत था कि अब यह मामला सिर्फ आंदोलन का नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक भावना का बन चुका है।
जनता ने दिखाई एकजुटता
लोगों का कहना है कि यह लड़ाई सिर्फ कुछ परिवारों की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। जनता चाहती है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाया जाए। लोगों ने इस घटना को प्रशासन की बड़ी नाकामी बताते हुए कहा कि अब चुप रहना अन्याय के साथ खड़े होने जैसा होगा।
अब हर घर की लड़ाई
जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा ने कहा कि एमवाय चूहा कांड सिर्फ एक अस्पताल की गलती नहीं, बल्कि पूरे तंत्र की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा कि जयस का आंदोलन अब पूरे प्रदेश में फैल चुका है और हर समुदाय इसका हिस्सा बन रहा है।
मुजाल्दा ने कहा, “बच्चियों की मौत ने पूरे समाज को झकझोर दिया है। यह अब सिर्फ इंदौर का मुद्दा नहीं रहा, बल्कि देशभर में न्याय और मानवता की आवाज बन गया है।”
भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ उठी आवाज
आंदोलनकारियों का कहना है कि यह सिर्फ न्याय की मांग नहीं, बल्कि भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ जनजागरण का अभियान है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती और स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं होता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलन बन गया जनआंदोलन
एमवाय चूहा कांड की गूंज अब सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक सुनाई दे रही है। लोग अपनी पोस्ट और वीडियो के जरिए बच्चियों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। गरबा पंडालों से उठी यह आवाज अब हर दिल तक पहुँच चुकी है।