बिहार विधानसभा चुनाव 2025, महिला और युवा वोटर बन रहे निर्णायक

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Published On: 5 October 2025

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महिला और युवा वोटरों का योगदान बेहद अहम माना जा रहा है। चुनाव में जीत के लिए इन दो वर्गों का समर्थन निर्णायक हो सकता है। नए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल मतदाताओं में महिलाओं की संख्या अब 48 प्रतिशत हो गई है। पिछले एक साल में महिला वोटरों की संख्या में करीब 15 लाख की बढ़ोतरी हुई है। युवा मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है। 18 से 29 साल उम्र वाले वोटरों का हिस्सा 24 प्रतिशत हो गया है। इनमें लगभग 27 लाख ऐसे युवा शामिल हैं जो पहली बार अपना वोट डालेंगे।

इन आंकड़ों के बाद सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस और राजद महिला मतदाताओं को अपनी योजनाओं के बारे में जानकारी दे रही हैं और उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने के लिए प्रेरित कर रही हैं। वहीं, एनडीए के घटक दल भी महिलाओं के बीच जाकर सरकार की हाल में शुरू की गई योजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं।

महिला वोटरों पर खास ध्यान

एनडीए के तहत, मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को महिलाओं तक पहुंचाया जा रहा है। इस योजना के तहत महिलाओं को शुरू में 10,000 रुपए दिए जाते हैं, और छह माह के बाद आकलन के आधार पर उन्हें दो-दो लाख रुपए तक दिए जाने की व्यवस्था है। अब तक एक करोड़ महिलाओं के खातों में कुल 10,000 करोड़ रुपए सीधे बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजे जा चुके हैं।

इस योजना का दूसरा चरण 6 अक्टूबर से शुरू होगा, जब जिन महिलाओं के खाते में अभी तक राशि नहीं पहुंची है, उन्हें पैसा भेजा जाएगा।

इसके अलावा, राज्य की जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लगभग 1.40 करोड़ महिलाएं इस योजना का हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री नियमित रूप से इन महिलाओं से संवाद कर उनके रोजगार और विकास की दिशा में काम कर रहे हैं।

युवा मतदाताओं के लिए योजनाएं

युवा वोटरों को आकर्षित करने के लिए एनडीए ने कई नई योजनाएं शुरू की हैं। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उच्च शिक्षा के लिए लिए गए ऋण अब ब्याज मुक्त कर दिए गए हैं। इसके अलावा, बिहार में युवा आयोग के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना अब सभी स्नातकों के लिए उपलब्ध है। अगले पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार देने का वादा भी युवाओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

आधार और वोटर पहचान

राज्य में मतदाता पंजीकरण और पहचान के मामले में आधार को मान्यता देने पर कहा गया है कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार आधार से केवल पहचान की पुष्टि की जा सकती है। वोट डालने के लिए उम्र 18 वर्ष से अधिक होना और भारत का नागरिक होना जरूरी है।

चुनाव की तैयारी में राजनीतिक दल महिला और युवा वोटरों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और इनके बीच जाकर योजनाओं और उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा, इन वर्गों के बीच प्रचार और अधिक तेज होने की संभावना है।

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