फ्रांस के नए प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब वे केवल एक महीने से भी कम समय से प्रधानमंत्री के पद पर थे। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने सोमवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
सेबेस्टियन लेकोर्नू का इस्तीफा अचानक और अप्रत्याशित है। उन्होंने अपने नए मंत्रिमंडल की नियुक्ति के कुछ ही घंटे बाद यह निर्णय लिया। बताया जा रहा है कि उनके सहयोगियों और विपक्षी दलों ने सरकार को गिराने की धमकी दी थी, जिससे उन्होंने इस्तीफा देने का रास्ता चुना।
फ्रांस में साल 2022 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को संसदीय बहुमत नहीं मिला है। यही वजह है कि देश में राजनीतिक अस्थिरता लगातार बढ़ रही है।
शेयर बाजार पर असर
इस इस्तीफे के बाद फ्रांस के शेयर बाजार में तेज गिरावट देखी गई। निवेशकों और आम जनता में राजनीतिक अनिश्चितता को लेकर चिंता बढ़ गई है।
मंत्रिमंडल की बैठक से पहले इस्तीफा
लेकोर्नू ने रविवार को अपने मंत्रियों की नियुक्ति की थी और सोमवार को उनकी पहली मंत्रिपरिषद की बैठक होनी थी। लेकिन बैठक से पहले ही उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति मैक्रॉन को सौंप दिया। एलिसी के प्रेस कार्यालय ने कहा कि लेकोर्नू ने गणराज्य के राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।
राजनीतिक संकट का कारण
फ्रांस में राजनीतिक संकट का मुख्य कारण संसदीय बहुमत की कमी है। राष्ट्रपति मैक्रॉन को कई मुद्दों पर संसद में समर्थन जुटाने में मुश्किल हो रही है। इसी अस्थिर स्थिति ने प्रधानमंत्री लेकोर्नू को इस्तीफा देने पर मजबूर किया।