मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप पीने से अब तक 22 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस गंभीर घटना के बाद जिला प्रशासन और खाद्य एवं औषधि विभाग ने जागरूकता और जांच अभियान शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन और औषधि विभाग की टीम लगातार शहर के मेडिकल स्टोरों की जांच और निगरानी में जुटी है। टीम यह सुनिश्चित कर रही है कि बाजार में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बच्चों के लिए कोई भी कफ सिरप न बेचा जाए।
ड्रग और केमिस्ट संघ ने भी इस दिशा में कदम उठाए हैं। सचिव राहुल बॉबी जायसवाल ने कहा कि मेडिकल स्टोर संचालकों को सख्त हिदायत दी गई है कि प्रतिबंधित सिरप को बिल्कुल न बेचा जाए।
पोस्टर के जरिए चेतावनी
- 2 साल से कम उम्र के बच्चों को सर्दी-खांसी की दवा नहीं दी जाएगी।
- सभी बच्चों की दवा केवल वैध डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर ही बिकेगी।
DGHS ने प्रदेश के सभी औषधि विक्रेताओं को एडवाइजरी जारी कर कहा है कि वे अपने स्टोर पर पोस्टर लगाएं और अपने सहयोगियों को भी बताएं कि 4 साल से कम उम्र के बच्चों को सिरप बिना पर्चे के न दें।
केमिस्ट एसोसिएशन ने अपील की
जबलपुर केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव राहुल बॉबी जायसवाल ने मीडिया से कहा कि पूरा संगठन बच्चों की सुरक्षा के लिए एकजुट है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम सिर्फ दवा बेचने वाले हैं, निर्माता नहीं। हमारे पास जो दवा आती है, वही बेचते हैं। इसके निर्माण या उसमें इस्तेमाल होने वाले घटकों में हमारा कोई रोल नहीं है। लेकिन बच्चों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने सभी थोक और रिटेल दवा विक्रेताओं से अपील की कि किसी भी स्थिति में बिना डॉक्टर के पर्चे के छोटे बच्चों को कफ सिरप न दें।
दोनों पर फोकस
केमिस्ट संघ और प्रशासन की यह पहल यह सुनिश्चित करती है कि बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, जनता में यह संदेश भी जाएगा कि सर्दी-खांसी की दवाइयां बच्चों के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस्तेमाल करें। जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि जांच अभियान लगातार जारी रहेगा और किसी भी उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।