दीपावली के त्योहार को देखते हुए MP शासन ने खाद्य सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। उपभोक्ताओं को शुद्ध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए राज्यभर में विशेष निरीक्षण अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के आयुक्त दिनेश श्रीवास्तव ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 और नियम 2011 का सख्ती से पालन किया जाए।
निगरानी के आदेश
त्योहार के दौरान मिलावटखोरी की संभावनाओं को देखते हुए प्रशासन ने सभी जिलों में खाद्य प्रतिष्ठानों की निरंतर जांच के निर्देश जारी किए हैं। जिन दुकानों या कारखानों में संदिग्ध सामग्री पाई जाती है, वहां से नमूने लेकर नियमों के तहत कार्रवाई करने को कहा गया है। साथ ही, ऐसे प्रतिष्ठानों पर भी कार्रवाई होगी जो बिना लाइसेंस या अवैध रूप से खाद्य पदार्थ तैयार कर रहे हैं।
मिठाई, मावा और तेल पर रहेगा फोकस
अभियान का मुख्य फोकस उन वस्तुओं पर रहेगा जिनका उपयोग दीपावली पर सबसे अधिक होता है, जैसे दूध, मावा, मिठाई, तेल, मसाले, ड्राईफ्रूट, नमकीन, चॉकलेट, बिस्किट, गिफ्ट हैम्पर और ब्रांडेड स्वीट्स। इनकी गुणवत्ता जांचने के लिए प्रदेश में फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स (FSW), मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स और चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं तैनात की जा रही हैं। इससे मौके पर ही नमूने की जांच और रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी।
विशेष दल करेंगे जांच
हर जिले में मैजिक बॉक्स, चेकिंग पॉइंट्स और स्पेशल टीमों के जरिए निरीक्षण अभियान को अंजाम दिया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी भी शिकायत या संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करें और उसकी रिपोर्ट मुख्यालय भोपाल को भेजें।
जनता से अपील
शासन ने आम उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि वे खाद्य सामग्री खरीदते समय उसकी निर्माण और समाप्ति तिथि, ब्रांड नाम, और स्वच्छता की स्थिति अवश्य जांचें। सरकार का कहना है कि उपभोक्ताओं की जागरूकता से ही मिलावटखोरी पर प्रभावी रोक लगाई जा सकती है।
