एनडीए गठबंधन (Bihar Election 2025) के तहत हुई सीट शेयरिंग के बाद जदयू में हलचल तेज हो गई है। दिनारा और सासाराम विधानसभा सीटें रालोमा को मिलने के बाद पूर्व विधायक और कई पार्टी पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
पूर्व MLA का इस्तीफा
पूर्व मंत्री और दिनारा के पूर्व विधायक जयकुमार सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि वह 2005 से 2020 तक लगातार तीन बार विधायक रहे, लेकिन इस बार टिकट वितरण में जिस तरह का खेल हुआ, वह उन्होंने कभी नहीं देखा।
जयकुमार सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने पैसे के खेल में टिकट दूसरे दल को दे दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार उनके सर्वमान्य नेता हैं और जीवनभर उनके खिलाफ कुछ नहीं कहेंगे। उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर को दिनारा पहुंचकर कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ बैठक कर आगे का निर्णय लेंगे।
सासाराम के पूर्व विधायक का रुख
सासाराम के पूर्व विधायक डॉ. अशोक कुमार ने अपने समर्थकों के साथ बहुजन समाज पार्टी (BSP) में शामिल होकर सासाराम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया।
डॉ. कुमार सासाराम से दो बार विधायक रह चुके हैं और उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस सीट से ही चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के उम्मीदवार इस चुनाव में चौथे स्थान पर रहेंगे।
5 प्रखंड अध्यक्षों का इस्तीफा
जदयू में शुरू हुई बगावत के चलते पार्टी के पांच प्रखंड अध्यक्षों ने भी इस्तीफा दे दिया है।
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सासाराम प्रखंड के जिलाध्यक्ष सिकंजय सिंह
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सासाराम नगर अध्यक्ष विनोद कुशवाहा
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दिनारा प्रखंड अध्यक्ष अरुण कुशवाहा
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दावथ प्रखंड अध्यक्ष अशोक चौधरी
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सूर्यपुरा प्रखंड अध्यक्ष धर्मजीत चंद्रवंशी
भाजपा में हलचल और डैमेज कंट्रोल
जदयू में इस्तीफों की यह श्रृंखला भाजपा के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। पार्टी के नेता सतर्क हो गए हैं कि कहीं बगावत की आग भाजपा तक न फैल जाए। दोनों दलों के वरिष्ठ नेता इस स्थिति में डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
