इंदौर के एम.वाय. हॉस्पिटल में नवजात बेटियों की चूहों के काटने से हुई मौत और छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से 23 बच्चों की दर्दनाक मौत के विरोध में JAYS (जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन) ने बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया है। संगठन ने इन घटनाओं को “संस्थागत हत्या” बताते हुए मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। इसी कड़ी में जयस ने “जन क्रांति अभियान-न्याय यात्रा” की शुरुआत 14 अक्टूबर से धार जिले के ग्राम नंदना (रूपापाड़ा) से की है।
सड़क पर जयस
जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट लोकेश मुजाल्दा ने कहा कि यह यात्रा प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र की नाकामी और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक शांतिपूर्ण आंदोलन है। यात्रा का उद्देश्य जनता को स्वास्थ्य व्यवस्था की भयावह स्थिति से अवगत कराना और मासूमों को न्याय दिलाना है। उन्होंने कहा, “यह प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि प्रशासनिक हत्या है। जब तक दोषियों को सजा और पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
पहले चरण में यह यात्रा 14 से 16 अक्टूबर तक चलेगी और धार जिले के विभिन्न कस्बों व गांवों से होकर गुजरेगी। रास्ते में जयस के कार्यकर्ता और सर्व समाज के लोग जन-जागरूकता अभियान चलाएंगे।
जयस की प्रमुख मांगें
- एम.वाय. हॉस्पिटल, इंदौर के डीन, अधीक्षक और संबंधित अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाए।
- “चूहा कांड” में शामिल दोषियों पर आईपीसी की धारा 304-ए (गैर-इरादतन हत्या) के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
- मृत नवजात बच्चियों के परिवारों को प्रत्येक को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।
- छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में मृत बच्चों के परिजनों को भी 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
- जो बच्चे अभी इलाजरत हैं, उनका पूरा खर्च राज्य सरकार उठाए।
- प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और भ्रष्ट अधिकारियों को पद से हटाकर स्वास्थ्य व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाए।
यात्रा का रूट
न्याय यात्रा का नेतृत्व जयस प्रदेश अध्यक्ष पवन डावर, छात्र संगठन अध्यक्ष बाबूलाल बघेल और धार जिला अध्यक्ष भारत गामड़ करेंगे। यात्रा में जयस और छात्र संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल होंगे। यात्रा 14 अक्टूबर को नंदना, रूपापाड़ा, राजोद, लाबरिया, जोलाना, सरदारपुर, राजगढ़, मांगोद, दसई, कड़ोद होते हुए निपावली पहुंचेगी। इसके बाद, 15 और 16 अक्टूबर को धार, मांडव, मनावर, धरमपुरी और धामनोद तक यात्रा निकाली जाएगी।
सुरक्षा की मांग
जयस ने पुलिस प्रशासन से आग्रह किया है कि न्याय यात्रा के दौरान शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। संगठन का कहना है कि यह आंदोलन पूरी तरह अहिंसक और संवैधानिक दायरे में होगा, जिसका उद्देश्य सरकार को बच्चों की मौत पर जवाबदेह बनाना और जनता में जागरूकता फैलाना है।
