रीवा जिले के हॉस्पिटल चौराहा पर स्थित अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर के संचालक ने कैमरे के सामने हैरान कर देने वाला बयान दिया। उसने खुलकर कहा कि वह नकली दवाइयां बेचता है, और यह स्टोर लंबे समय से संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल को दवाइयां सप्लाई करता रहा। संचालक ने सीधे शब्दों में आरोप लगाया, “संजय गांधी हॉस्पिटल के डॉक्टर सबसे बड़े भ्रष्टाचारी हैं। मैं खुद नकली दवाई बेचता हूं। मेरे पास स्टोर में पर्याप्त मात्रा में रखी हुई है।”
डॉक्टरों और स्टोर के बीच कथित सेटिंग
संचालक ने आगे बताया कि जिले के कई डॉक्टर जानबूझकर ऐसी दवाइयां मरीजों को प्रिस्क्राइब करते हैं, जो केवल चुनिंदा मेडिकल स्टोर्स पर ही उपलब्ध होती हैं। इससे डॉक्टर और स्टोर संचालक दोनों को लाभ मिलता है, जबकि मरीजों की जेब कटती रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला गंभीर है क्योंकि अस्पताल का नाम और भरोसा सीधे मरीजों की जिंदगी से जुड़ा है।
प्रशासन की कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने तुरंत अन्नपूर्णा मेडिकल स्टोर को सीज कर दिया। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। स्टोर संचालक से पूछताछ जारी है। प्रशासन ने कहा कि यदि जांच में स्टोर संचालक और किसी डॉक्टर के बीच गड़बड़ी या भ्रष्टाचार पाया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मरीजों में चिंता की लहर
रीवा के लोग अब दवाइयों की गुणवत्ता और अस्पतालों की विश्वसनीयता को लेकर चिंतित हैं। कई लोग कह रहे हैं कि अगर ऐसे खुलासे लगातार होते रहे, तो मरीजों का भरोसा स्वास्थ्य विभाग और सरकारी अस्पतालों से उठ सकता है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को न सिर्फ जांच करनी चाहिए, बल्कि भ्रष्टाचार और नकली दवाओं की आपूर्ति पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
टिकी निगाहें
रीवा में स्वास्थ्य व्यवस्था की इस पोल ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या जिले के मरीजों की सुरक्षा और भरोसा सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है। क्या अब वास्तविक जांच और जवाबदेही की व्यवस्था होगी, या यह मामला भी धूल में समा जाएगा? इस मामले में आने वाले दिनों में जांच रिपोर्ट और कार्रवाई पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी।
