MP सरकार ने राजस्व विभाग से जुड़े अफसरों को बड़ी प्रशासनिक ताकत सौंप दी है। अब अधीक्षक भू-अभिलेख (SLR) और सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख (ASLR) को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के अधिकार मिल गए हैं। यानी अब ये अधिकारी राजस्व के साथ-साथ मजिस्ट्रियल कार्य भी कर सकेंगे। इस फैसले से तहसील स्तर पर प्रशासनिक कामकाज और राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के निपटारे की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है।
सरकार ने जारी किया आदेश
राजस्व विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि SLR और ASLR से अब मजिस्ट्रियल काम भी कराया जाए। इससे पहले सितंबर 2025 में सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए SLR और ASLR के पदों को क्रमशः तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पदनाम में मर्ज किया था। अब इन अफसरों को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के अधिकार दिए जाने से उनकी भूमिका और जिम्मेदारी दोनों बढ़ गई है।
अब बढ़ेगा राजस्व न्यायालयों का दायरा
राजस्व विभाग के मुताबिक, नए आदेश के बाद प्रदेश में अब कुल 2,278 अधिकारी राजस्व न्यायालयों और मजिस्ट्रियल कामकाज के लिए उपलब्ध हो गए हैं। इससे तहसील और जिला स्तर पर लंबित मामलों का तेजी से निपटारा होगा। यह फैसला 3 जून को पचमढ़ी में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था, जिसे अब औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
ऐसा होगा नया सेटअप
विभाग ने बताया कि प्रदेश में अधीक्षक भू-अभिलेख के 144 पद और तहसीलदार के 610 पद स्वीकृत हैं। दोनों को मिलाने के बाद अब तहसीलदारों की कुल संख्या 754 हो गई है।
इसी तरह सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख और नायब तहसीलदार के पदों को भी जोड़ा गया है। अब प्रदेश में नायब तहसीलदार के 1,524 पद हो गए हैं। अधीक्षक भू-अभिलेख (तहसीलदार) के पदों पर केवल नायब तहसीलदार के रूप में पदस्थ ASLR को ही पदोन्नति का मौका मिलेगा। यह व्यवस्था तब तक जारी रहेगी जब तक पुराना कैडर पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
नायब तहसीलदार के पदों पर भर्ती
सरकार ने साफ कर दिया है कि ASLR कैडर में अब कोई नई सीधी भर्ती नहीं होगी। जैसे-जैसे पुराने पद खाली होंगे, उन्हें नायब तहसीलदार के पदों में समायोजित कर दिया जाएगा।
राजस्व निरीक्षकों की पदोन्नति पहले की तरह तय प्रतिशत में जारी रहेगी, जब तक कि सभी वर्तमान अधिकारी प्रमोट नहीं हो जाते। इसके बाद नई भर्ती नायब तहसीलदार भर्ती नियम 2011 के तहत की जाएगी।
