सतना जिले के नागौद विकासखंड में किसानों के साथ लूट जैसा खेल खेला जा रहा है। यहाँ की शासकीय मर्यादित सेवा समिति पर आरोप है कि खाद के दामों में मनमानी वसूली की जा रही है। किसानों ने कहा कि सरकारी दरें कुछ और हैं, लेकिन समिति वाले अपने हिसाब से रेट बढ़ाकर पैसा वसूल रहे हैं। सरकार की तय कीमत के मुताबिक यूरिया की बोरी 266.50 रुपए में मिलनी चाहिए, लेकिन समिति के कर्मचारियों ने 270 रुपए तक वसूले। किसानों का कहना है कि कुछ जगह तो रसीद भी सही रकम की नहीं दी जाती।
इतना ही नहीं, 533 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मिलने वाला खाद किसानों को 600 रुपए प्रति क्विंटल में दिया गया। किसानों का कहना है कि वे मजबूर होकर यह कीमत चुकाते हैं, क्योंकि खेत में बोआई का समय निकल जाए तो नुकसान उन्हीं का होता है।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं
कई किसानों ने बताया कि उन्होंने इस गड़बड़ी की शिकायत ऊपर तक की, लेकिन अब तक किसी अधिकारी ने समिति की जांच तक नहीं की। “जब सरकार तय रेट बताती है, तो फिर समिति को अपनी मर्जी से दाम बढ़ाने का क्या हक है?” एक किसान ने नाराज़गी जताते हुए कहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है। हर सीजन में ऐसी शिकायतें आती हैं, लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है।
किसानों की मांग
किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि समिति के पूरे हिसाब-किताब की जांच हो और जो भी कर्मचारी या अधिकारी इसमें शामिल हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि यह मामला सिर्फ कुछ रुपए का नहीं, बल्कि किसानों की मेहनत और हक से जुड़ा है। फिलहाल, किसान उम्मीद लगाए बैठे हैं कि प्रशासन इस बार गंभीरता दिखाएगा और समिति की मनमानी पर लगाम लगाएगा। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में किसान आंदोलन की राह भी पकड़ सकते हैं।
