देव दिवाली यानी देवताओं की दिवाली इस बार 5 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक दैत्य का वध किया था, जिसके बाद सभी देवताओं ने धरती पर आकर दीपक जलाए थे। माना जाता है कि देव दिवाली पर गंगा स्नान करके दीपक जलाने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और माता लक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। यदि गंगा के किनारे जाकर दीप दान करना संभव न हो, तो अपने घर पर ही 5 स्थानों पर दीप जरूर जलाएं।
देव दिवाली 5 नवंबर को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर दैत्य के वध की याद में मनाया जाता है। इस अवसर पर देवताओं ने धरती पर आकर दीपक जलाए थे। देव दिवाली पर गंगा स्नान और दीपक जलाने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
देव दिवाली
देव दिवाली, जिसे देवताओं की दीपावली भी कहा जाता है, इस साल 5 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक दैत्य का वध किया था। इसके बाद सभी देवताओं ने धरती पर आकर दीपक जलाए थे। माना जाता है कि देव दिवाली पर गंगा स्नान और दीपक जलाने से सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर कोई गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकता, तो घर पर भी 5 स्थानों पर दीपक जलाकर इस पर्व की शुभता और पुण्य लाभ लिया जा सकता है। इस धार्मिक मान्यता के अनुसार, हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीवाली उत्साहपूर्वक मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन उपासना करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और महादेव की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
महत्व
देव दिवाली, जिसे देवताओं की दीपावली भी कहा जाता है, हर साल कार्तिक महीने की प्रतिपदा के दिन मनाई जाती है। देव दीपावली की रात में दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन घर के 5 स्थानों पर दीपक जलाने से घर और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और धन-धान्य की कमी नहीं होती। साथ ही, देव कृपा से जीवन के सभी कार्य आसानी से पूरे होते हैं। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर दैत्य का वध किया था और सभी देवताओं ने धरती पर आकर दीपक जलाए थे। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और दीपक जलाने से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष देव दीवाली का पर्व 5 नवंबर को मनाया जाएगा, जो कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि के साथ भी मेल खाता है। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 4 नवंबर की देर रात 10 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर 5 नवंबर की शाम 6 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी।
पूजा विधि
- देव दीवाली पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें और प्रदोष काल में पूजा करें।चौकी पर साफ
- कपड़ा बिछाकर शिव जी की प्रतिमा स्थापित करें और देसी घी का दीपक जलाएं।
- फूल माला अर्पित कर शिवलिंग का कच्चे दूध, शहद, दही, घी और पंचामृत से अभिषेक करें।
- इसके बाद शिव चालीसा और मंत्रों का जप करें।
- फल और मिठाई का भोग लगाकर प्रभु से जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति की कामना करें।
इन 5 जगहों पर जलाए दीपक
- देव दीपावली के दिन घर के मुख्य द्वार पर एक दीपक जरूर जलाएं।
- दूसरा दिया अपने रसोई घर में पानी के स्थान के पास रखें।
- तीसरा दिया तुलसी के पास जरूर रखें।
- वहीं, चौथा दिया अपने घर के पास किसी शिव मंदिर में जाकर जरूर जलाएं।
- पांचवा दिया अपने घर के ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में जलाएं। इसको जलाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा बाहर होती है और सकारात्मकता का वास होता है।
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. MPNews इनकी पुष्टि नहीं करता है।
