स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। ये संदेश भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. मनीष शर्मा ने साफ कर दिया है। गुरुवार को शहर की कई स्वास्थ्य संस्थाओं के अचानक निरीक्षण में तीन डॉक्टर ड्यूटी से गायब मिले। नतीजा यह हुआ कि इन सभी के खिलाफ 7 दिन की वेतन कटौती की गई और कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया है।
सुबह से शुरू हुआ निरीक्षण अभियान
डॉ. शर्मा ने सुबह करीब साढ़े नौ बजे से निरीक्षण अभियान की शुरुआत की। सबसे पहले वे सिविल डिस्पेंसरी बागसेवनिया पहुंचे, जहां प्रभारी डॉक्टर स्मिता लाड अनुपस्थित मिलीं। उनकी उपस्थिति का मिलान सार्थक ऐप और रजिस्टर से किया गया, लेकिन दोनों में गड़बड़ी पाई गई। सीएमएचओ ने तत्काल सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश दिए कि डॉक्टर की उपस्थिति और वेतन आहरण की जांच की जाए।
कोकता पीएचसी में भी गड़बड़ी
इसके बाद सुबह 10:30 बजे सीएमएचओ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कोकता पहुंचे। यहां तैनात डॉक्टर सलोनी सिंह मौजूद नहीं थीं, जबकि सार्थक ऐप पर उनकी उपस्थिति दर्ज थी। यह देखकर अधिकारी नाराज हो गए। डॉ. शर्मा ने कहा कि अगर कोई डॉक्टर ऐप पर फर्जी उपस्थिति दर्ज करता है, तो इसे गंभीर अनुशासनहीनता माना जाएगा। इस पर डॉ. सलोनी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इसके बाद करीब 11:30 बजे सीएमएचओ टीम संजीवनी क्लिनिक, हबीबिया स्कूल पहुंची। यहां पदस्थ डॉक्टर समरीन खान भी समय पर क्लिनिक नहीं पहुंचीं। लगातार तीन जगह डॉक्टरों की अनुपस्थिति ने स्वास्थ्य विभाग को झकझोर कर रख दिया। डॉ. समरीन को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
लापरवाही पर नहीं चलेगी ढिलाई
सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने कहा कि ओपीडी के तय समय पर डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करना विभाग की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों पर भरोसा करते हैं। ऐसे में अगर डॉक्टर ही गायब रहें तो यह जनता के साथ धोखा है। उन्होंने बताया कि जिन डॉक्टरों को नोटिस दिए गए हैं, उनके 7 दिन के वेतन की कटौती की गई है और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जा रही है।
सार्थक ऐप से होगी उपस्थिति की जांच
डॉ. शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि अब से किसी भी डॉक्टर का वेतन तभी जारी होगा जब उसकी सार्थक ऐप में दर्ज उपस्थिति की पुष्टि हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वेतन आहरण से पहले एप और वास्तविक उपस्थिति का मिलान जरूरी होगा। जो भी गड़बड़ी करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई तय है। सीएमएचओ ने बताया कि ऐसे निरीक्षण आगे भी जारी रहेंगे। यदि किसी डॉक्टर को लगातार तीन बार नोटिस देने के बाद भी सुधार नहीं होता है, तो उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काफी संसाधन दिए हैं। लेकिन अगर कर्मचारी या डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे, तो सख्ती जरूरी है।
