भोपाल में सरकारी कामकाज की बदइंजीनियरिंग का एक और तमाशा सामने आया है। लिंक रोड नंबर-1 पर नगर निगम ने 5 एकड़ में करीब 40 करोड़ रुपए उड़ाकर 8 मंजिला चमचमाती बिल्डिंग तो खड़ी कर दी, लेकिन उसमें सबसे जरूरी चीज मीटिंग हॉल ही बनाना भूल गए। अब जब मामला खुला तो निगम ने पास की 0.25 एकड़ जमीन कलेक्टर से मांग ली है और यहां नया हॉल खड़ा करने के लिए 10 करोड़ रुपए और झोंकने की तैयारी है। यानी गलती अफसरों की और पैसे की बर्बादी जनता की।
ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले ऐशबाग के 90 डिग्री एंगल वाले ब्रिज और मेट्रो के दो स्टेशनों की इंजीनियरिंग भी मजाक का विषय बन चुकी है। हर बार हम देखते हैं कि प्लानिंग टेबल पर हुई गलती का खामियाजा करोड़ों रुपए में जनता को भरना पड़ता है।
नई बिल्डिंग का दावा
निगम मुख्यालय की नई बिल्डिंग का दावा है कि इसे “ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट” पर बनाया गया है। बाहर से देखने पर बिल्डिंग आधुनिक लगती है। जिनमें सोलर पैनल, गार्डनिंग, फर्नीचर, सबकुछ चमकता-दमकता दिखता है, लेकिन अंदर की हकीकत पूछो तो पता चलता है कि पूरी योजना में सबसे अहम चीज ही मिसिंग है। परिषद जहां अपनी बैठकों में पूरे शहर के फैसले लेती है, वही हॉल प्लान में शामिल नहीं था। जब तक नया हॉल नहीं बन जाता, तब तक निगम की बैठकें आईएसबीटी में होंगी। मीटिंग के लिए जनप्रतिनिधियों को बस स्टैंड शिफ्ट होना पड़ेगा। यह सुनकर शहर के लोगों को हंसी भी आ रही है और गुस्सा भी।
22 करोड़ आई थी लागत
पड़ताल में पता चला कि जब योजना बनाई गई थी, तब बिल्डिंग की लागत 22 करोड़ तय की गई थी। फिर लागत बढ़ती गई और बिना हॉल के ही 40 करोड़ खर्च हो गए। स्ट्रक्चरल इंजीनियर भी यही कह रहे हैं कि डिजाइन की प्लानिंग में इतनी बड़ी चूक होना समझ से परे है। निर्माण से पहले हर चीज मापी-तोली जाती है, फिर ऐसी गड़बड़ी कैसे रह गई? इस बिल्डिंग में दिलचस्प बात यह है कि इसे बनाने के दौरान 3 कमिश्नर बदले केवीएस चौधरी कोलसानी के समय डिजाइन बनी और आधा काम हुआ, फिर हरेंद्र नारायण के समय बाकी काम और अब संस्कृति जैन के समय फिनिशिंग हो रही है। इतने बड़े प्रोजेक्ट में 3-3 जिम्मेदार बदले, लेकिन गलती किसी की नजर में नहीं आई।
इसके ऊपर एक और कमाल पार्किंग की छत पर सोलर पैनल लगा दिए, जिससे पूरी बिल्डिंग का फ्रंट ही दब गया। लोग कह रहे हैं कि लाखों खर्च कर बनाई गई आधुनिक बिल्डिंग का चेहरा ही छिप गया। निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी कह रहे हैं कि पुरानी डिजाइन में हॉल था ही नहीं और आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण इसे नहीं जोड़ा गया। अब नई जमीन पर नया हॉल बनाएंगे।
