इंदौर पुलिस इन दिनों शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है। उसी अभियान के दौरान प्रेस्टीज कॉलेज के तीन बस ड्राइवर नशे की हालत में पकड़ लिए गए। खास बात यह है कि जिन बसों को ये चला रहे थे, उनमें कॉलेज के छात्र-छात्राएं बैठे हुए थे। तीनों ड्राइवरों पर FIR दर्ज कर बसें जब्त कर ली गई हैं। मामला 14 नवंबर की रात का है। लसूड़िया थाने की टीम सत्य साईं चौराहा बॉम्बे हॉस्पिटल रोड पर चेकिंग कर रही थी। तभी अचानक सत्य साईं चौराहा की तरफ से तीन पीली बसें तेज रफ्तार में आती दिखीं। पुलिस ने इशारा किया तो बसें जोर से ब्रेक मारकर रुकीं। बसें प्रेस्टीज यूनिवर्सिटी की थीं, जो ‘मंथन’ कार्यक्रम से छात्रों को घर छोड़ने जा रही थीं।
चेकिंग में सामने आया कि तीनों बस ड्राइवर शराब पीकर वाहन चला रहे थे। ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में सभी के शराब सेवन की पुष्टि हुई। पहला ड्राइवर संतोष डांगे, बस नंबर MP09 FA 8073, दूसरा योगेश उईके, बस नंबर MP09 DP 3158 और तीसरा गजराज नट, बस नंबर MP09 PD 3147।
छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़
तीनों को मौके पर हिरासत में लिया गया और ड्रिंक एंड ड्राइव की धारा 185 मोटर वाहन अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। इसके बाद बसें भी जब्त कर दी गईं। लसूड़िया थाने में तीन अलग-अलग केस (1445/2025, 1446/2025 और 1447/2025) धारा 281 भारतीय न्याय संहिता और 184, 179 मोटर वाहन अधिनियम के तहत दर्ज किए गए। पुलिस आगे भी ऐसी चेकिंग अभियान जारी रखेगी, ताकि नशे में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवरों पर नकेल कसी जा सके और छात्रों की सुरक्षा से खिलवाड़ न हो।
बेहद गंभीर मामला
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह बेहद गंभीर मामला है। शराब पीकर स्कूल या कॉलेज बस चलाना किसी भी समय बड़े हादसे को जन्म दे सकता है। ऊपर से बसों में बच्चे और युवा छात्र बैठे हों, तो जोखिम और भी बढ़ जाता है। पुलिस ने यह भी माना कि यहाँ केवल ड्राइवर ही नहीं, बल्कि प्रेस्टीज कॉलेज मैनेजमेंट और वाहन मालिक की भी भारी लापरवाही सामने आती है, क्योंकि ऐसे ड्राइवरों को बस चलाने के लिए भेजा ही नहीं जाना चाहिए था।
