MP हाईकोर्ट जबलपुर ने सिविल जज जूनियर डिवीजन भर्ती 2022 में आरक्षित वर्ग के अत्यंत कम चयन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने शुक्रवार की सुनवाई में कहा कि 192 पदों में से सिर्फ 47 उम्मीदवारों का चयन होना और उनमें भी ST वर्ग का एक भी अभ्यर्थी न होना बेहद चिंताजनक है। SC वर्ग से भी केवल एक उम्मीदवार का चयन हुआ है। कोर्ट ने इसे “गंभीर अनियमितता” मानते हुए परीक्षा सेल को संशोधित सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि मुख्य परीक्षा में SC वर्ग के लिए 45% और ST वर्ग के लिए 40% अंक को न्यूनतम माना जाए। साथ ही इंटरव्यू के 20 न्यूनतम अंकों में भी राहत दी जाए, ताकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को न्याय मिले। परीक्षा सेल को नई संशोधित सूची अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश करनी होगी।
याचिकाकर्ताओं ने कहा
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और पुष्पेंद्र शाह ने कोर्ट को बताया कि परीक्षा सेल ने आरक्षण नीति की खुलेआम अनदेखी की है। उनका आरोप है कि बैकलॉग पदों को गलत तरीके से अनारक्षित (UR) वर्ग में दिखाया गया, जबकि नियमों के मुताबिक केवल SC–ST–OBC के पद ही बैकलॉग में कैरी फॉरवर्ड होते हैं। याचिका में यह भी बताया गया कि 2023 में संशोधित भर्ती नियमों के हिंदी और अंग्रेजी संस्करण में अलग-अलग प्रावधान लिखे गए हैं, जिससे बड़ा भ्रम पैदा हुआ। अंग्रेजी नियमों के हिसाब से SC–ST को कोई छूट नहीं दी गई, जबकि हिंदी नियमों में एग्रीगेट 45% अंक का प्रावधान स्पष्ट रूप से लिखा है।
289 अंकों के साथ भामिनी राठी बनीं टॉपर
भर्ती परीक्षा का परिणाम 12 नवंबर को जारी हुआ था। इंदौर की भामिनी राठी ने 291.83 अंक के साथ टॉप किया। लेकिन ST वर्ग से एक भी चयन न होना और कुल 192 पदों में से सिर्फ 47 का चयन होना यह दिखाता है कि चयन प्रक्रिया में गंभीर खामियां हैं। Advocate Union for Democracy and Social Justice ने आरोप लगाया कि प्री–लिम्स से लेकर इंटरव्यू तक, SC–ST अभ्यर्थियों को जानबूझकर कम अंक दिए गए ताकि वे चयन के दायरे से बाहर रहें। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे राज्यों में उच्च न्यायालयों द्वारा SC–ST उम्मीदवारों को स्पष्ट रूप से रिलैक्सेशन दिया जा रहा है, जबकि MP में उल्टा किया गया।
हाईकोर्ट ने इन सभी आपत्तियों को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट संकेत दे दिया है कि चयन प्रक्रिया में सुधार अनिवार्य है और आरक्षण नीति को सही रूप से लागू करना ही होगा।
