पश्चिम मध्य रेलवे गुना में रनिंग स्टाफ और उनके परिजनों के लिए आयोजित फैमिली सेमिनार बड़ी सफलताओं के साथ संपन्न हुआ। वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (टीआरओ) सचिन आर. शर्मा की मौजूदगी में हुए इस कार्यक्रम को पूरे मंडल में आयोजित आठवां और गुना में दूसरा सफल सेमिनार माना गया। सेमिनार का उद्देश्य रनिंग स्टाफ की चुनौतियों, जिम्मेदारियों और परिवार की सपोर्टिव भूमिका को समझाना था।
मुख्यालय के मुख्य लोको निरीक्षक विवेक डॉबी ने ट्रेन संचालन में रनिंग स्टाफ की अहम भूमिका को बेहद सरल तरीके से समझाया। उन्होंने बताया कि लोको पायलट सिर्फ ट्रेन नहीं चलाते, बल्कि हजारों यात्रियों की सुरक्षा का बोझ उनके कंधों पर होता है। इसी दौरान मुख्य क्रू नियंत्रक डी.डी. टिकरया ने गुना स्टाफ की वर्किंग और चुनौतियों को सीनियर डीईई के सामने विस्तार से रखा।
पायलट को भावपूर्ण श्रद्धांजलि
सेमिनार में हाल ही में बिलासपुर जोन में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए लोको पायलट विधादर को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। सीनियर डीईई ने कहा कि रनिंग स्टाफ का जीवन बेहद कठिन है। अनियमित समय, लंबी ड्यूटी और लगातार सतर्क रहना उनकी रोजमर्रा का हिस्सा है। सीनियर डीईई ने परिवारजनों से अपील की कि वे लोको पायलट को ड्यूटी से पहले किसी भी तरह का मानसिक तनाव न दें। घर पर शांत वातावरण और पर्याप्त विश्राम का समय उनके लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि लोको पायलट की एक छोटी सी चूक भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
समाधान का भरोसा
कार्यक्रम के दौरान रनिंग स्टाफ ने अपनी विभिन्न समस्याएं सामने रखीं। सीनियर डीईई ने सभी बिंदुओं को गंभीरता से सुना और जल्द समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि स्टाफ संतुष्ट होगा तो रेलवे की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। रेलवे चिकित्सक डॉ. गौरव प्रताप ने लोको पायलटों को मानसिक तनाव से दूर रहने, मोबाइल का सीमित उपयोग करने और पर्याप्त नींद लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि थकान और तनाव दोनों ही ट्रेन संचालन में खतरे को बढ़ाते हैं।
सम्मान और उपहार वितरण
कार्यक्रम के अंत में महिलाओं, बच्चों और परिजनों को उपहार वितरित किए गए। इस माह से सेवानिवृत्त होने वाले मेल लोको पायलट कैलाश सिंह यादव को ‘उत्कृष्ट रेल सेवा सम्मान’ से सम्मानित किया गया। अंत में डी.डी. टिकरया ने सभी परिवारों और रनिंग स्टाफ का धन्यवाद दिया। गुना स्टाफ ने भी सीनियर डीईई के प्रति आभार जताया कि उन्होंने जमीन पर उतरे मुद्दों को सुना और समाधान का भरोसा दिलाया।
