भावांतर भुगतान योजना 2025 के तहत सोयाबीन बेचने वाले किसानों के लिए 23 नवंबर का नया मॉडल रेट जारी कर दिया गया है। राज्य शिक्षा केंद्र की तरह प्रदेश सरकार का यह दूसरा बड़ा कृषि अपडेट है, जिसका सीधा असर लाखों किसानों की जेब पर पड़ने वाला है। शनिवार को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक आज का मॉडल रेट 4282 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह वही रेट है जिसके आधार पर किसानों को मिलने वाली भावांतर राशि की गणना की जाएगी।
भावांतर योजना का मकसद यही है कि अगर किसान को मंडी में उपज कम दाम पर बेचनी पड़े, तो सरकार उसे एमएसपी और बाजार के रेट के बीच का पूरा अंतर नकद दे। इस साल सोयाबीन का एमएसपी 5328 रुपए प्रति क्विंटल तय है, यानी किसी भी हाल में किसान को इससे कम कीमत नहीं मिलेगी— बाकी अंतर सरकार सीधे खाते में डालेगी।
7 नवंबर से लगातार बढ़ रहा मॉडल रेट
सोयाबीन के मॉडल रेट की शुरुआत 7 नवंबर से हुई थी, जब पहली बार 4020 रुपए प्रति क्विंटल का रेट घोषित किया गया। इसके बाद बाजार की चाल और मंडी विक्रय के औसत के आधार पर 8 नवंबर को 4033 रुपए, 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए का मॉडल रेट तय किया गया। जैसे-जैसे खरीदी बढ़ी, रेट का ग्राफ भी ऊपर चढ़ता गया।
देखें टेबल
| तारीख | रेट (₹) |
|---|---|
| 11 नवंबर | 4056 |
| 12 नवंबर | 4077 |
| 13 नवंबर | 4130 |
| 14 नवंबर | 4184 |
| 15 नवंबर | 4225 |
| 16 नवंबर | 4234 |
| 17 नवंबर | 4236 |
| 18 नवंबर | 4255 |
| 19 नवंबर | 4263 |
| 20 नवंबर | 4267 |
| 21 नवंबर | 4271 |
| 22 नवंबर | 4285 |
अब 23 नवंबर को मॉडल रेट थोड़ा नीचे आकर 4282 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर हुआ है।
सरकार का कहना है कि मॉडल रेट बाजार में वास्तविक स्थिति को दर्शाता है और हर दिन बढ़ते-बदलते दामों का औसत निकालकर तय किया जाता है। यही कारण है कि कुछ दिन यह रेट ऊपर जाता है, तो कभी थोड़ा कम भी होता है।
किसानों को मिलेगी पूरी सुरक्षा
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक किसानों को यह चिंता करने की जरूरत नहीं कि मंडी भाव कम रहने पर उन्हें नुकसान होगा। योजना में साफ लिखा है कि एमएसपी से नीचे का कोई भी अंतर सरकार अपनी ओर से देगी। यानी 5328 रुपए से कम में बिकने वाली हर बोरी का पूरा नुकसान राज्य सरकार उठाएगी। किसानों के लिए यह बड़ी राहत है, खासकर उन इलाकों में जहां बारिश और बीमारियों की वजह से उत्पादन कमजोर रहा और व्यापारी भाव दबाकर खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि सोयाबीन किसान को एमएसपी से कम दाम नहीं मिलेगा, यह गारंटी है।
