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जबलपुर: हिनौतिया में संदिग्ध लोगों के डेरों पर बवाल, विहिप ने दी बड़ी चेतावनी

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Published On: 25 November 2025

जबलपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर हिनोतिया गांव में वर्षों से बड़ी संख्या में संदिग्ध लोग रह रहे हैं। स्थानीय संगठनों का दावा है कि इनमें कई रोहिंग्या और बांग्लादेशी मूल के हो सकते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक ही व्यक्ति के पास दो-दो, तीन-तीन आधार कार्ड मिले हैं। इस पूरे मामले पर विश्व हिंदू परिषद के विभाग प्रमुख सुमित सिंह ठाकुर ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो उन्हें मजबूरन खुद आंदोलन करना पड़ेगा।

SIR सर्वे के दौरान खुला मामला

बरेला क्षेत्र में एसआईआर सर्वे के लिए बीएलओ की टीम जब हिनोतिया पहुंची, तो उन्हें गांव के बाहर झोपड़ियों में 200 से ज्यादा लोग रहते हुए दिखे। टीम ने जब दस्तावेज मांगे तो लोगों ने पूरी जानकारी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद मामला हिंदूवादी संगठनों तक पहुंचा और बड़ी संख्या में लोग बरेला थाने पहुंचकर कार्रवाई की मांग करने लगे। संगठनों का आरोप है कि झोपड़ियों में रहने के बावजूद इनके पास लग्जरी गाड़ियां हैं, जिससे साफ है कि इनके पास बाहर से धन आ रहा है।

कई संदिग्धों के पास अलग-अलग जिलों के पहचान पत्र

विहिप का कहना है कि यहां रह रहे कई लोगों के पास अलग जिलों के वोटर आईडी, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मिले हैं। कुछ के पास तीन-तीन आधार कार्ड भी बरामद हुए। संगठन का दावा है कि फर्जी पहचान बनाकर ये लोग सरकारी योजनाओं का फायदा उठा रहे हैं, जो सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। सुमित सिंह ठाकुर ने बताया कि एक युवक ने उनका सवाल सुनते ही छिंदवाड़ा, जबलपुर और मझौली तीन जगहों से बने आधार कार्ड निकालकर दिखा दिए।

विहिप और बजरंग दल ने पुलिस को दस्तावेज सौंपकर आरोप लगाया है कि गांव के सरपंच ने ही इन लोगों को सरकारी जमीन पर बसाया है। जमीन पर बने अस्थाई डेरों में रह रहे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संगठनों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 27 नवंबर तक प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो वे खुद मौके पर जाकर डेरों को हटाने की कार्रवाई करेंगे।

प्रशासन ने जारी किए नोटिस

जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन पर रह रहे 200 से ज्यादा लोगों को नोटिस देकर जगह खाली करने के निर्देश दिए हैं। एडिशनल एसपी अंजना तिवारी ने बताया कि सभी आरोपों की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्रवाई से पहले दस्तावेजों और पहचान की कानूनी जांच जरूरी है। पुलिस ने भरोसा दिलाया कि यदि कोई व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के साथ पाया जाता है या अवैध रूप से रह रहा है, तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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