रीवा से प्रयागराज जाने वाले नेशनल हाईवे की सोहागी घाटी में मंगलवार रात बड़ा सड़क हादसा हो गया। रात करीब साढ़े 7 बजे तेज रफ्तार में दौड़ रहे तीन ट्रक आपस में भिड़ गए। अंधेरा गहराया हुआ था और घाटी का रास्ता वैसे भी पहाड़ी मोड़ों के लिए बदनाम है। टक्कर इतनी जोरदार थी कि सबसे आगे वाले ट्रक का ड्राइवर अपने ही केबिन में बुरी तरह फंस गया। आवाज इतनी तेज थी कि आसपास से गुजर रहे लोग रुक गए।
घटना जैसे ही हुई, वहां से निकल रहे कुछ राहगीरों ने मोबाइल से पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। चूंकि जगह दुर्गम है, इसलिए बचाव दल को वहां पहुंचने में कुछ मिनट लगे। लेकिन जैसे ही पुलिस और एंबुलेंस टीम पहुंची, तुरंत रेस्क्यू शुरू किया गया। ट्रक का अगला हिस्सा पूरी तरह दब चुका था, जिससे ड्राइवर हिल भी नहीं पा रहा था।
30 मिनट का रेस्क्यू
चालक को बाहर निकालना आसान नहीं था। रेस्क्यू टीम ने गैस कटर मंगवाया और ट्रक के दबे हिस्से को काटना शुरू किया। करीब 30 मिनट की लगातार कोशिशों के बाद ड्राइवर को सावधानी से बाहर निकाला गया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि ड्राइवर होश में था, लेकिन दर्द की वजह से बोल नहीं पा रहा था। जैसे ही उसे बाहर निकाला गया, एंबुलेंस से तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।
हालत अब खतरे से बाहर
अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि ड्राइवर को बड़ी चोटें जरूर आई हैं, लेकिन उसकी जान को कोई खतरा नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक, समय पर रेस्क्यू होना उसके लिए वरदान साबित हुआ। थोड़ी भी देर होती तो नुकसान बड़ा हो सकता था।
हादसे को अपनी आंखों से देख चुके कुछ लोगों ने बताया कि सबसे आगे चल रहे ट्रक ने अचानक ब्रेक लगा दिया। अंधेरा होने की वजह से पीछे वाले दो ट्रकों के ड्राइवरों को यह दिखा नहीं और वे तेज रफ्तार में जाकर उसी से टकरा गए। रात के समय सोहागी घाटी में दृश्यता कम रहती है, जिससे हादसे की गंभीरता बढ़ जाती है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर इतनी तेज थी कि सभी ट्रक कुछ मीटर दूर तक घिसट गए।
हाईवे पर लंबा जाम
तीनों ट्रक सड़क के बीच में ही फंस गए, जिसकी वजह से हाईवे पर लंबा जाम लग गया। कुछ ही मिनटों में गाड़ियों की लाइन दोनों ओर बढ़ने लगी। कई ड्राइवर वाहन छोड़कर नीचे उतर आए और हादसे की जानकारी जुटाने लगे। पुलिस ने पहुंचकर सबसे पहले ट्रकों को हटाने की कोशिश शुरू की ताकि रास्ता साफ हो सके। घटना स्थल पर क्रेन मंगवाई गई और धीरे-धीरे ट्रकों को साइड किया गया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद हाईवे पर एक लेन खोल दी गई। इसके बाद यातायात धीरे-धीरे बहाल होने लगा। पुलिस टीम मौके पर मौजूद रही ताकि कोई और वाहन फंस न जाए।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने तीनों ट्रक ड्राइवरों और हेल्परों से बयान लेना शुरू कर दिया है। यह साफ माना जा रहा है कि तेज रफ्तार और अचानक ब्रेक लगाना हादसे का मुख्य कारण रहा। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं किसी ट्रक की हेडलाइट या ब्रेक लाइट खराब तो नहीं थी। साथ ही वाहनों को भी मेकेनिकल जांच के लिए भेजा जाएगा। सोहागी घाटी पहले भी कई हादसों की वजह से चर्चा में रह चुकी है। पहाड़ी रास्ता, अंधेरा और ओवरस्पीड ये तीन चीजें इसे खासकर रात के समय खतरनाक बनाती हैं। स्थानीय लोग लंबे समय से यहां बेहतर रोशनी और साइन बोर्ड लगाने की मांग भी कर रहे हैं। मंगलवार रात का हादसा भी उसी लापरवाही का नतीजा माना जा रहा है।
लोगों की अपील
हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने फिर अपील की है कि जो भी ड्राइवर इस घाटी से गुजरते हैं, खासकर रात में, वे रफ्तार कम रखें और हैडलाइट हाई बीम में न चलाएं। पुलिस ने भी चेतावनी जारी कर कहा है कि ओवरस्पीडिंग पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।
