MP भावांतर भुगतान योजना 2025 के तहत सोयाबीन के लिए नया मॉडल रेट जारी कर दिया गया है। 26 नवंबर के लिए राज्य सरकार ने 4265 रुपए प्रति क्विंटल का मॉडल रेट तय किया है। यह दर उन किसानों पर लागू होगी, जिन्होंने निर्धारित समय के भीतर अपनी उपज मंडी प्रांगण में बेची है। सरकार के अनुसार, इसी रेट को आधार मानकर भावांतर की राशि की गणना की जाएगी। राज्य सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि भावांतर योजना का मकसद किसानों को किसी भी हालत में नुकसान नहीं होने देना है।
अगर बाज़ार में सोयाबीन का भाव मॉडल रेट से कम रहता है, तो यह अंतर सरकार अपने स्तर पर पूरा करेगी। योजना के तहत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी 5328 रुपए प्रति क्विंटल तक की राशि की गारंटी दी गई है। सरकार का कहना है कि किसानों को भुगतान पारदर्शी तरीके से दिया जाएगा और उनकी उपज का पूरा हिसाब ऑनलाइन दर्ज रहेगा।
जारी हो रहे रेट
इस महीने सोयाबीन के मॉडल रेट में रोज़ाना बदलाव देखने को मिला है। 7 नवंबर को जारी हुआ पहला रेट 4020 रुपए प्रति क्विंटल था। इसके बाद बाजार की स्थिति और खरीदी की गति के आधार पर दरों में उतार-चढ़ाव होता रहा।
8 से 12 नवंबर तक की स्थिति
- 8 नवंबर को रेट बढ़कर 4033 रुपए हुआ।
- 9 और 10 नवंबर को 4036 रुपए की समान दर जारी की गई।
- 11 नवंबर को इसमें तेजी आई और भाव 4056 रुपए पर पहुंच गया।
- 12 नवंबर को यह बढ़कर 4077 रुपए हो गया।
- इन शुरुआती दिनों में भाव लगातार ऊपर की ओर बढ़ते दिखाई दिए।
13 से 16 नवंबर
- 13 नवंबर को मॉडल रेट बढ़कर 4130 रुपए पर पहुंचा।
- 14 नवंबर को इसने और छलांग लगाई और 4184 रुपए दर्ज किया गया।
- 15 नवंबर को रेट बढ़कर 4225 रुपए और 16 नवंबर को 4234 रुपए निकलकर आया।
लगातार चार दिनों तक कीमतों की रफ्तार तेज बनी रही।
मामूली उतार-चढ़ाव
- 17 नवंबर को रेट 4236 रुपए हो गया।
- 18 नवंबर को इसमें उछाल आया और भाव बढ़कर 4255 रुपए हो गया।
- 19 नवंबर को यह और बढ़कर 4263 रुपए पर स्थिर रहा।
- इन तीन दिनों में बाज़ार की मांग बेहतर रहने से रेट में मजबूती बनी रही।
रेट में स्थिर मजबूती
- 20 नवंबर को मॉडल रेट बढ़कर 4267 रुपए हो गया।
- 21 नवंबर को यह बढ़कर 4271 रुपए और 22 नवंबर को 4285 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया।
- इन दिनों में भाव अपने मासिक उच्च स्तर पर दिखाई दिए।
बाज़ार थोड़ा शांत
- 23 और 24 नवंबर को मॉडल रेट 4282 रुपए पर स्थिर रहा।
- 25 नवंबर को इसमें मामूली गिरावट आई और रेट 4277 रुपए दर्ज किया गया।
- विशेषज्ञों के अनुसार, यह कमी बाजार में आवक बढ़ने के कारण देखने को मिली।
किसानों के लिए राहतभरा
26 नवंबर को जो रेट जारी हुआ है, वह 4265 रुपए प्रति क्विंटल है। कीमत में भले ही हल्की कमी है, लेकिन राज्य सरकार की गारंटी के कारण किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। भावांतर राशि मिलाकर कुल भुगतान अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के बराबर ही रहेगा।
क्या बोले अधिकारी?
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भावांतर योजना का उद्देश्य किसानों को बाज़ार की अनिश्चितता से बचाना है। विभाग का दावा है कि इस साल खरीदी प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि मॉडल रेट हर दिन मंडियों की वास्तविक परिस्थितियों के आधार पर तय किया जाता है।
आगे का रुझान
किसान संगठनों का मानना है कि यदि आवक नियंत्रित रही तो आने वाले दिनों में रेट में स्थिरता देखने को मिल सकती है। कई किसानों का कहना है कि सरकार की तरफ से मिल रही MSP की गारंटी उन्हें बड़ी राहत दे रही है।
