रीवा में IAS अधिकारी संतोष वर्मा के कथित विवादित बयान को लेकर बुधवार को ब्राह्मण समाज के लोग सड़कों पर उतर आए। सैकड़ों लोग SP ऑफिस पहुंचे और अधिकारी के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज करने के साथ बर्खास्तगी की मांग की। समाज के लोगों का आरोप है कि अधिकारी ने सवर्ण समाज की महिलाओं और बेटियों को लेकर आपत्तिजनक और अमर्यादित टिप्पणी की।
कथित बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में गहरा रोष फैल गया। आक्रोशित प्रतिनिधि SP ऑफिस पहुंचकर ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि “ऐसे बयान देने वाले अधिकारियों को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो समाज और व्यापक रूप से आंदोलन करेगा।
लोगों की प्रतिक्रिया
प्रदर्शन के दौरान समाज के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक पद पर बैठे अधिकारी का यह व्यवहार अनुचित और आहत करने वाला है। उन्होंने बताया कि यह आचरण सेवा शर्तों का उल्लंघन भी है। पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि समाज किसी भी प्रकार के अपमानजनक बयानों को सहन नहीं करेगा और दोषी को तत्काल दंडित किया जाना चाहिए। SP ऑफिस में मौजूद पुलिस अधिकारियों ने ज्ञापन प्राप्त करते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी। पुलिस ने कहा कि जांच के बाद नियमों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया कि मामले में किसी भी तरह की देरी नहीं होने दी जाएगी और कानून के अनुसार कदम उठाए जाएंगे।
समाज में चिंता
कथित बयान के बाद रीवा शहर में तनाव का माहौल है। समाज के लोग लगातार यह दावा कर रहे हैं कि अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक मंच पर गलत बयान देना समाज में असमानता और असुरक्षा की भावना पैदा करता है। स्थानीय प्रशासन को चेतावनी दी गई है कि यदि कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। ब्राह्मण समाज का कहना है कि FIR दर्ज और अधिकारी की बर्खास्तगी ही इस मामले का समाधान है।
वे अधिकारियों से यह भी मांग कर रहे हैं कि भविष्य में किसी भी सरकारी पद पर बैठे अधिकारी का ऐसा बयान समाज में न फैल सके। पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की नजर अब इस मामले पर टिकी हुई है, और आने वाले कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है। इस प्रकार रीवा में IAS अधिकारी के कथित विवादित बयान ने सामाजिक और प्रशासनिक दोनों ही स्तरों पर चर्चा और तनाव को जन्म दिया है।
