इंदौर में सांसद शंकर लालवानी के बेटे मीत लालवानी पर कर्ज न चुकाने का मामला तेजी से सामने आया है। एचडीएफसी बैंक कई महीनों से बकाया राशि वसूलने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिल रही। बैंक की टीम जब घर पहुंचती है तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि भैया घर पर नहीं हैं। बैंक रिकॉर्ड के मुताबिक मीत लालवानी ने 2014 में एचडीएफसी क्रेडिट कार्ड पर 2 लाख रुपए का पहला लोन लिया था, जिसकी किश्तें समय पर जमा हो रही थीं। इसके बाद 2019 में 6 लाख और 2022 में 14 लाख रुपए का लोन लिया गया। 2024 आते-आते किस्तें आना बंद हो गईं और मामला बिगड़ने लगा।
बैंक कलेक्शन टीम का दावा है कि मीत के बैंक स्टेटमेंट की जांच में सामने आया कि वह ऑनलाइन गेमिंग और सट्टे में भारी पैसा गंवा चुका है। पोकर, एक्को और ब्लू बर्ड जैसे ऑनलाइन गेम्स में उसने काफी रकम खर्च की। लगातार फोन, मेल और नोटिस भेजने के बाद भी कोई जवाब न मिलने पर बैंक टीम को कई बार उसके घर जाना पड़ा।
सांसद से भी मिला बैंक
कलेक्शन टीम के मैनेजर हर्षवर्धन एस. रावत के अनुसार, वे कई बार सांसद शंकर लालवानी से भी मिले। सांसद ने आश्वासन दिया था कि वह बेटे से बात करके पैसा जमा करवा देंगे, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई। टीम जब भी घर पहुंचती है, गार्ड यही कहता है कि भैया उपलब्ध नहीं हैं। एचडीएफसी बैंक की ओर से कलेक्शन का काम देख रही कॉन्सेप्ट लॉ एसोसिएट फर्म ने मीत लालवानी को नोटिस भेजा है। इसमें साफ निर्देश दिया गया है कि वे कलेक्शन मैनेजर से संपर्क कर बैंक की राशि जमा करें। नोटिस का भी अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
कानूनी कार्रवाई की तैयारी
बैंक के वकील और हाईकोर्ट एडवोकेट संतोष शर्मा का कहना है कि मामला अब आपराधिक विश्वासघात की श्रेणी में आता है। अगर पैसा जमा नहीं किया गया तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(2) और 318(4) के तहत केस दर्ज किया जाएगा। इन धाराओं में पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, मीत लालवानी ने इस पूरे मामले पर अपनी सफाई देते हुए कहा है कि उन्होंने एचडीएफसी बैंक से कोई लोन नहीं लिया है। उनका कहना है कि उनके ऊपर ऐसा कोई बकाया नहीं है। उन्होंने बताया कि फिलहाल उनका आईसीआईसीआई बैंक से चल रहा लोन ही वे नियमित रूप से जमा कर रहे हैं।
