MP के स्कूलों में लागू ई-अटेंडेंस सिस्टम को लेकर उठी शिकायतों पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में एक बार फिर सुनवाई हुई। 27 शिक्षकों ने अदालत में याचिका दायर कर कहा है कि हमारे शिक्षक ई ऐप पूरी तरह सुरक्षित नहीं है और इससे डेटा चोरी जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अदालत ने इन आरोपों को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार को दो दिन में विस्तृत जवाब देने के निर्देश दिए। अब अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी।
संशोधन आवेदन में खामियों का जिक्र
सुनवाई के दौरान शिक्षकों की ओर से एक संशोधन आवेदन भी पेश किया गया। इसमें बताया गया कि सरकार जिस ऐप के जरिए उपस्थिति दर्ज करा रही है, वह कई बार सही से काम ही नहीं करता। शिक्षक पक्ष का कहना है कि ऐप तकनीकी रूप से कमजोर है, बार-बार हैंग हो जाता है और लॉगिन की समस्या भी बनी रहती है। उनका यह भी कहना है कि ऐप की खामियों के कारण डेटा चोरी की घटनाएं हो रही हैं, जो बेहद चिंताजनक है।
निजी संस्था के जिम्मे ऐप का संचालन
याचिकाकर्ताओं के वकील अंशुमान सिंह ने अदालत को बताया कि यह ऐप किसी सरकारी विभाग द्वारा नहीं, बल्कि एक निजी संस्था के माध्यम से चलाया जा रहा है। यही संस्था शिक्षकों का पूरा डेटा भी कलेक्ट कर रही है। वकील का कहना है कि जब निजी डेटा संग्रहण की बात आती है, तो केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं, लेकिन ऐप में सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं हैं। इसी वजह से डेटा के लीक होने का खतरा और बढ़ जाता है।
साइबर फ्रॉड के मामलों पर चिंता
शिक्षकों ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश के कई जिलों में 5–6 शिक्षकों के बैंक खातों से पैसे तक निकल गए। उनका दावा है कि ऐप में दर्ज जानकारी किसी तरह बाहर पहुंची और इसका गलत इस्तेमाल हुआ। कुछ जिला शिक्षा अधिकारियों ने भी इन घटनाओं को लेकर पत्र लिखकर उच्च अधिकारियों को सतर्क किया है। DPI ने भी माना है कि कुछ शिक्षकों के साथ साइबर फ्रॉड की घटनाएं हुई हैं और सभी को सावधान रहने के निर्देश दिए हैं।
सरकार का दावा
राज्य सरकार की ओर से अदालत में कहा गया कि ई-अटेंडेंस सिस्टम पहले भी मजबूत पाया गया है और उसके पास डेटा सेफ्टी सर्टिफिकेट भी मौजूद है। सरकार का कहना है कि न तो सर्वर की समस्या है और न ही किसी नेटवर्क के कारण ऐप ठप रहने की बात सही है। हालांकि, शिक्षकों ने अपने हलफनामे में कहा कि उन्हें रोजाना तकनीकी खराबी, नेटवर्क एरर और सर्वर डाउन जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन सभी बिंदुओं पर अब 1 दिसंबर को कोर्ट फिर सुनवाई करेगा।
