भोपाल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री इंद्र सिंह परमार के सरकारी आवास का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि प्रदेश की दो प्रमुख तकनीकी शिक्षण संस्थाओं RGPV और VIT विश्वविद्यालय में वित्तीय, प्रशासनिक और अकादमिक स्तर पर गंभीर अनियमितताएँ चल रही हैं, जिन पर सरकार अब तक कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं कर पाई है।
छिपाने का आरोप
अभाविप ने अपने ज्ञापन में दावा किया कि RGPV में पिछले पांच वर्षों की ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियों की आशंका गहरी हो गई है। परिषद ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में कई करोड़ों की लेनदेन बिना अधिकृत आदेशों के की गई, और बैंक खातों से जुड़ा उचित रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है। छात्रों के संगठन का कहना है कि 100 करोड़ रुपए से अधिक के कॉर्पस फंड के संचालन पर भी गंभीर संदेह है।
धारा 54 लागू करने की माँग
अभाविप ने मांग रखी कि RGPV की सभी वित्तीय अनियमितताओं की जांच CBI को सौंपी जाए और विश्वविद्यालय में धारा 54 लागू कर प्रशासनिक जिम्मेदारी सरकार सीधे अपने हाथ में ले। परिषद ने यह भी प्रस्ताव दिया कि विश्वविद्यालय को तीन अलग-अलग हिस्सों में विभाजित कर संचालन को सरल और पारदर्शी बनाया जा सकता है। संगठन ने चेतावनी दी कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं की जातीं, उनका धरना अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।
VIT विश्वविद्यालय पर भी गंभीर आरोप
VIT विश्वविद्यालय भोपाल को लेकर भी अभाविप ने तीखे आरोप लगाए। परिषद के अनुसार, हॉस्टल में छात्रों को खराब खाना और दूषित पानी दिया जा रहा है। जब छात्रों ने इसका विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई और डिग्री तथा परीक्षा परिणामों को लेकर डराया-धमकाया गया। संगठन ने कहा कि प्रारंभिक जांच में कई अनियमितताएँ उजागर हुई हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
VIT में प्रशासक नियुक्त करने की मांग
अभाविप ने मांग की कि VIT में तत्काल प्रशासक नियुक्त किया जाए और संस्थान का नियंत्रण अस्थायी रूप से सरकार अपने हाथ में ले। परिषद चाहती है कि एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर पूरे मामले की गहराई से जांच की जाए, जिससे छात्रों की सुरक्षा और भविष्य प्रभावित न हो। प्रांत मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि RGPV की वित्तीय और अकादमिक अव्यवस्था को लेकर परिषद कई बार सरकार को आगाह कर चुकी है। पिछले सप्ताह भी विस्तृत जानकारी मंत्री को दी गई थी। उन्होंने कहा कि “जब तक RGPV में धारा 54 लागू नहीं होती और VIT पर कठोर कार्रवाई नहीं होती, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
