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इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में नए साल पर विशेष इंतज़ाम, तिल चतुर्थी मेले की तैयारियां भी तेज

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Published On: 4 December 2025

इंदौर का ऐतिहासिक और आस्था का प्रमुख केंद्र खजराना गणेश मंदिर एक बार फिर लाखों भक्तों की भीड़ संभालने की तैयारी में जुट गया है। हर साल की तरह इस बार भी 31 दिसंबर की रात और 1 जनवरी को विशाल संख्या में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पहुंचने की संभावना है। प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने भीड़ को देखते हुए विशेष व्यवस्थाएँ करने की घोषणा की है। प्रबंधन को अनुमान है कि नए साल के पहले दिन मंदिर परिसर में भक्तों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना बढ़ जाएगी। इसी को देखते हुए भीड़ प्रबंधन से लेकर सुरक्षा और पार्किंग तक सभी व्यवस्थाओं को विस्तार दिया गया है। यह सुनिश्चित करने की कोशिश है कि श्रद्धालुओं को दर्शन के दौरान किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

कलेक्टर शिवम वर्मा ने अधिकारियों और मंदिर समिति के साथ समीक्षा कर स्पष्ट निर्देश दिए कि भीड़ को संभालने के लिए पानी, सफाई, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था समय से पहले दुरुस्त कर दी जाए। उन्होंने कहा कि भक्तों का अनुभव सहज और सुरक्षित होना चाहिए, चाहे वे मंदिर परिसर में हों या बाहरी मार्गों पर।

ऑनलाइन सुविधाओं का भी विस्तार

मंदिर प्रशासन ने बताया कि ऑनलाइन दर्शन और सुविधा सेवाओं को बेहतर किया जाएगा ताकि भक्तों को आधुनिक और सुगम अनुभव मिल सके। डिजिटल काउंटर और ऑनलाइन कतार प्रबंधन जैसी सुविधाओं पर काम किया जा रहा है, जिससे भीड़ का दबाव कम किया जा सके। नए साल की व्यवस्थाओं के साथ ही खजराना मंदिर आगामी तिल चतुर्थी महोत्सव की तैयारियों में भी जुट गया है। इस अवसर पर सात दिनों तक मेला लगेगा, जिसमें धार्मिक आयोजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और विशेष पूजा-अर्चना शामिल रहेंगी। मंदिर परिसर को फूलों और लाइटिंग से आकर्षक रूप देने की योजना भी बनाई गई है।

श्रंगार से सजेगा मंदिर

31 दिसंबर और 1 जनवरी को भगवान गणेश का विशेष श्रंगार किया जाएगा। मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से लेकर गर्भगृह तक आकर्षक लाइटिंग और फूलों की सजावट की जाएगी। यह व्यवस्था हर साल भक्तों को एक अलग और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। नए साल पर मंदिर में पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की जाएगी। दर्शन मार्ग में स्टेप्स और बैरिकेड्स की व्यवस्था बदलकर भीड़ को सुव्यवस्थित करने की तैयारी है। उद्देश्य यही है कि भक्तों को लंबी कतारों में खड़े रहने की जरूरत न पड़े और वे सहजता से मंदिर तक पहुंच सकें।

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